कोरोना प्रभाव के कारण NCERT अगले शैक्षणिक सत्र में पाठ्यक्रम में करेगा कटौती
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) से पढ़ाई कर रहे छात्रों के लिए राहत भरी खबर है। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) ने आगामी सत्र 2022-23 से स्कूलों के पाठ्यक्रम और किताबों में कटौती का फैसला किया है। कोरोना महामारी के कारण देश की शिक्षा व्यवस्था पर काफी असर पड़ा है। संक्रमण की रोकथाम के लिए स्कूलों को लंबे समय तक के लिए बंद करना पड़ा और इस कारण छात्रों की पढ़ाई पूरी नहीं हो पायी।
पढ़ाई में जल्द सुधार के लिए NCERT को चरणबद्ध तरीके से काम करने की जरूरत
राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा (NCF) के विकसित होने में लगने वाले समय को देखते हुए NCERT ने आगामी वर्ष से सभी कक्षाओं की किताबों और पाठ्यक्रम में कटौती करने का फैसला किया है। NCERT के निदेशक श्रीधर श्रीवास्तव ने बताया, "हम NCF को बनाने की प्रक्रिया में हैं। इस कारण NCF पर आधारित किताबों के आने कुछ समय लगेगा। छात्रों की पढ़ाई में जल्द सुधार के लिए NCERT को आगामी सत्र के लिए चरणबद्ध तरीके से कार्य करने की जरूरत है।"
28 दिसंबर तक NCERT को भेजनी थी रिपोर्ट
इन बदलावों के लिए श्रीवास्तव ने 15 दिसंबर, 2021 को ही सभी विभागाध्यक्षों को विशेषज्ञों की समीक्षा लेने के आदेश जारी कर दिए थे। इसके बाद 28 दिसंबर, 2021 तक विभागाध्यक्षों को अपनी यह रिपोर्ट परिषद को भेजनी थी। बता दें कि 1975 में पहली पाठ्यचर्चा रूपरेखा विकसित की गई थी। NCF का मुख्य कार्य भारत में स्कूलों के लिए पाठ्यक्रम, पाठ्यपुस्तकों और शिक्षण प्रथाओं के लिए एक दिशानिर्देश के रूप में कार्य करता है।
2023-24 से जारी हो सकती हैं NCF पर आधारित नई किताबें
बता दें कि 2022-23 सत्र से किताबों का पाठ्यक्रम को कम करने का फैसला कोरोना महामारी के दौर में छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाई और अन्य माध्यमों मे आने वाली समस्या को देखते हुए लिया गया है। इस फैसले का एक और कारण संसद की स्थायी समिति और नई शिक्षा नीति 2020 भी है। NCF पर आधारित नई किताबें NCERT की तरफ से शैक्षणिक सत्र 2023-24 से जारी की जा सकती है।
नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति की तर्ज पर तैयार होगा पाठ्यक्रम
शिक्षा मंत्रालय और NCERT के दस्तावेजों के अनुसार, मध्यमिक शिक्षा के राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचे (NCFCE) को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की तर्ज पर साल 2023 तक विकसित किया जायेगा। यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की सिफारिशों के अनुरूप NCF से सुझाव लेगा। रिपोर्ट के अनुसार, NCERT के निदेशक ने समिति को बताया कि इतिहास की पाठ्य पुस्तकों सहित सामाजिक विज्ञान की पाठ्य पुस्तकों पर भी चर्चा प्रारंभ कर दी गई है।
न्यूजबाइट्स प्लस
केंद्र सरकार ने साल 2020 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को मंजूरी दी थी। इस दौरान मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय कर दिया था। इस नीति में सभी उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए एक ही नियामक रखने और MPhil को खत्म करने का फैसला किया गया था। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के. कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में बनाई गई थी। पुरानी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 986 में ड्राफ्ट हुई थी और 1992 में इसमें संशोधन किया गया था।