ड्राइविंग लाइसेंस पाने के लिए शुरू की थी पढ़ाई, ऑटो चलाते-चलाते कर ली PhD
मेहनत और लगन से कोई भी कुछ भी हासिल कर सकता है। इस बात को केरल के केपी अजित ने सही साबित कर दिखाया है। उन्होंने न सिर्फ अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए काम किया बल्कि दूसरों की मदद के लिए भी काम किया है। ड्राइविंग लाइसेंस पाने के लिए पढ़ाई शुरू करने वाले अजित अपनी यूनिवर्सिटी से PhD की डिग्री प्राप्त करने वाले पहले रिसर्चर हैं। आइए जानें अजित की प्रेरणादायक कहानी।
सिर्फ 10वीं पास करना चाहते थे अजित
अजित थुंचत इझुथचन मलयालम विश्वविद्यालय (Thunchath Ezhuthachan Malayalam University) से PhD की डिग्री प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बने हैं। पिछले साल जुलाई में यूनिवर्सिटी ने अजित को पॉपुलर कल्चर और थिएटर गानों में PhD की डिग्री दी थी। अजित का कहना है कि उनका सपना 10वीं पास करके ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन करने का था। इसके बाद पढ़ाई करते-करते उन्होंने स्कूल, फिर कॉलेज और फिर यूनिवर्सिटी की परीक्षाएं पास कर PhD की डिग्री प्राप्त कर ली।
मां ने अकेले किया पालन-पोषण
TNM से बात करते हुए अजित ने कहा कि यह सफलता उनकी नहीं है बल्कि उनकी मां की है, जिन्होंने अकेले ही उन्हें पाला है। उन्होंने बताया कि उनके पिता ने उनकी मां को तलाक दे दिया था। उस समय वे सिर्फ तीन महीने के थे। उनकी मां ने उन्हें अनानास के खेतों में काम करके पाला है। हालांकि रिश्तेदारों ने उनकी मां को दूसरी शादी करने के लिए कई बार बोला, पर उनकी मां ने मना कर दिया।
ग्रेजुएशन के अंतिम वर्ष से चला रहे हैं रिक्शा
ग्रेजुएशन के अंतिम वर्ष में उन्होंने ऑटो रिक्शा चलाना शुरू किया था। उन्होंने बताया कि वे रेगुलर पढ़ाई कर रहे थे। इसी दौरान पैसे कमाने के लिए उन्होंने ऑटो रिक्शा चलाना शुरू कर दिया। ऑटो से कमाई के साथ-साथ वे दूसरों की मदद भी करते हैं। उन्होंने अपने ऑटो रिक्शा से कई जरूरतमंदों को अस्पताल पहुंचाया है। उनका कहना है कि सवारियों से बातचीत करके उन्हें बहुत सी अच्छी बातें सीखने को मिली हैं।
UGC NET में भी पाई सफलता
डॉक्टरेट करने के बाद अजित ने UGC राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (NET) पास की और फिलहाल वे त्रिशूर के सी अच्यूता मेनन गवर्नमेंट कॉलेज में गेस्ट लेक्चरर हैं। कॉलेज की छुट्टियों के दौरान वो मुवत्तुपुझा में ऑटोरिक्शा चलाते हैं। अजित नौकरी के साथ-साथ लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं के लिए कोचिंग ले रहे हैं क्योंकि वो अब स्थाई नौकरी करना चाहते हैं। ऑटो चलाने से पहले अजित ने खदान और मछली बाजार में भी काम किया था।
दूसरे प्रयास में पास की थी 10वीं
अजित ने कहा कि छात्रों को जीवन में सफल होने के लिए असफलताओं का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने अपने दूसरे प्रयास में 10वीं और चार बार में NET पास किया। उनका कहना है कि जीवन में असफलताओं का सामना करना चाहिए।
अब अपना सपना पूरा कर रहे हैं अजित
अजित ने कहा कि शिक्षकों का छात्र के जीवन पर बहुत प्रभाव पड़ता है। हर छात्र में अलग-अलग प्रतिभाएं होती हैं। छात्र को उसके शिक्षकों द्वारा दिए गए मार्गदर्शन के अनुसार ढाला जाता है। उनका कहना है कि अब वे अपने सपने को जी रहे हैं। वे बचपन से ही ड्राइवर बनना चाहते थे और अब वे वही कर रहे हैं। साथ ही अब वे कई छात्रों को पढ़ा भी रहे हैं, जिसके बारे में उन्होंने कभी नहीं सोचा था।
हमेशा एक ऑटो रिक्शा चालक बनकर रहना चाहते हैं अजित
अजित का कहना है कि ऑटो रिक्शा चलाकर वे एक बेहतर इंसान बने हैं। वो आज जो कुछ भी हैं, उसमें उनके यात्रियों ने उनकी काफी मदद की है। इसलिए वे हमेशा एक ऑटो रिक्शा चालक बनकर रहेंगे।