इसरो की इन छह प्रसिद्ध महिला वैज्ञानिकों के बारे में जानें, जिन्होंने बनाई अपनी अलग पहचान
क्या है खबर?
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे सफल अंतरिक्ष एजेंसियों में से एक है।
अन्य कई क्षेत्रों के साथ-साथ इस क्षेत्र में भी महिलाओं ने अपना नाम बनाया है।
कुछ प्रसिद्ध महिला वैज्ञानिक हैं, जिन्होंने इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और इसरो के विभिन्न अभियानों की सफलता में अपना योगदान दिया है।
आइए इसरो की छह प्रसिद्ध महिला वैज्ञानिक के बारे में जानते हैं।
#1
ये हैं सबसे सबसे वरिष्ठ वैज्ञानिकों में से एक
कंट्रोल सिस्टम की इंजीनियर वीआर ललिताम्बिका भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी के साथ काम करने वाले सबसे वरिष्ठ वैज्ञानिकों में से एक हैं।
वीआर ललिताम्बिका एडवांस टेक्नोलॉजीज में विशेषज्ञता रखती हैं। उन्होंने देश के रॉकेट कार्यक्रम के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
वह इसरो के साथ 30 वर्षों से काम कर रही हैं।
विशेष रूप से 2018 में ललिताम्बिका को भारत के मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम का नेतृत्व करने के लिए गगनयान के डायरेक्टर के रूप में चुना गया था।
#2
मुथैया वनिता और ऋतु करीधल भी हैं इस लिस्ट में शामिल
मुथैया वनिता भारत के चंद्रयान -2 मिशन की प्रोजेक्ट डायरेक्टर और ऋतु करीधल की मिशन डायरेक्टर हैं।
वनिता इसरो में पहली महिला प्रोजेक्ट डायरेक्टर हैं। वह कार्टोसैट-1, ओशनसैट-2 और मेघा-ट्रॉपिक उपग्रहों के डेटा सिस्टम के लिए डेप्युटी प्रोजेक्ट डायरेक्टर थी।
इस बीच भारत के "रॉकेट वुमन" के रूप में जानी जाने वाली ऋतु करीधल ने कई परियोजनाओं के लिए काम किया और वह मंगलयान मिशन की डेप्युटी ऑपरेशन डायरेक्टर थीं।
#4
टीके अनुराधा पहली महिला सैटेलाइट प्रोजेक्ट डायरेक्टर
टीके अनुराधा इसरो की वरिष्ठतम महिला वैज्ञानिक हैं, जो पिछले 35 वर्षों से अंतरिक्ष एजेंसी के साथ काम कर रही हैं।
वह इसरो में सैटेलाइट प्रोजेक्ट डायरेक्टर बनने वाली पहली महिला हैं।
उन्होंने कई भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रमों और सैटेलाइट के लॉन्च पर काम किया है। जिनमें GSAT-12 और GSAT-10 शामिल हैं।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि वह इसरो सैटेलाइट सेंटर में जियोसैट प्रोग्राम डायरेक्टर हैं।
#5
नंदिनी हरिनाथ दो दशक से कर रही हैं इसरो के साथ काम
नंदिनी हरिनाथ इसरो की एक और प्रसिद्ध महिला वैज्ञानिक हैं। वह बेंगलुरु के इसरो सैटेलाइट सेंटर में रॉकेट वैज्ञानिक हैं।
विशेष रूप से वह भारत के मार्स ऑर्बिटर मिशन मंगलयान की प्रोजेक्ट मैनेजर (मिशन डिज़ाइन) और डेप्युटी ऑपरेशन डायरेक्टर हैं।
आपको बता दें कि दो दशकों से इसरो के साथ काम कर रहीं नंदिनी ने भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी के 14 मिशनों पर काम किया है।
#6
ये हैं अन्य वरिष्ठ महिला वैज्ञानिक
एन वलारमथी एक अन्य वरिष्ठ महिला वैज्ञानिक हैं, जो 35 वर्षों से इसरो के साथ काम कर रही हैं।
वह भारत की पहली स्वदेशी रूप से विकसित रडार इमेजिंग सैटेलाइट RISAT-1 की प्रोजेक्ट डायरेक्टर थीं।
टीके अनुराधा के बाद वह इस तरह की प्रतिष्ठित परियोजना का नेतृत्व करने वाली इसरो की दूसरी महिला वैज्ञानिक हैं।
वह INSAT-2A, IRS-1C, IRS-1D और प्रौद्योगिकी प्रयोग उपग्रह (TES) जैसे विभिन्न अभियानों में शामिल रही हैं।