CBSE: 12वीं के छात्र अर्थशास्त्र के इन टॉपिकों को न करें नजरअंदाज, हो सकता है नुकसान
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) की 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं 15 फरवरी से आयोजित होने वाली हैं। तय कार्यक्रम के अनुसार, 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं 2 अप्रैल को समाप्त होंगी। 12वीं में 18 मार्च को अर्थशास्त्र की परीक्षा है। वाणिज्य संकाय से परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों के लिए ये बेहद महत्वपूर्ण विषय है। आइए अर्थशास्त्र के कुछ महत्वपूर्ण टॉपिकों के बारे में जानते हैं, जिन्हें पढ़कर छात्र अच्छे नंबर ला सकते हैं।
राष्ट्रीय आय और आर्थिक विकास
राष्ट्रीय आय और आर्थिक विकास अर्थशास्त्र के सबसे महत्वपूर्ण अनुभागों में से एक है। इस अनुभाग में GDP, NNP जैसी अवधारणाओं और राष्ट्रीय आय को मापने के विभिन्न तरीकों के बारे में विस्तार से पढ़ें। इसके अलावा नॉमिनल और रियल GDP के बीच अंतर को समझें। निवेश, बचत और तकनीकी प्रगति जैसे आर्थिक विकास को प्रभावित करने वाले कारकों से परिचित हों। इस खंड से संबंधित सभी अवधारणाओं के नोट्स जरूर बनाएं।
बैंकिंग और माइक्रोइकोनॉमिक्स
बैंकिंग खंड काफी ज्यादा महत्वपूर्ण है। इसमें मौद्रिक प्रणाली, केंद्रीय बैंक की भूमिका, वाणिज्यिक बैंक, ऋण निर्माण और धन गुणक जैसे विभिन्न उपकरणों पर ध्यान दें। इसके अलावा मुद्रास्फीति की अवधारणा, इसके प्रकार और इसे नियंत्रित करने के उपायों को गहराई से समझें। वहीं, मौद्रिक नीति निर्माण में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की भूमिका को समझें। इसके अलावा माइक्रोइकोनॉमिक्स से जुड़े टॉपिक जैसे मांग और आपूर्ति, बाजार संतुलन, मूल्य निर्धारण की अवधारणाओं पर भी ध्यान दें।
भारतीय अर्थव्यवस्था
इस विषय में अच्छे अंक लाने के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था के खंड को गहराई से समझना जरूरी है। ये खंड भारत की विशिष्ट आर्थिक विशेषताओं पर केंद्रित है, जिसमें विकास रणनीति, कृषि और औद्योगिक क्षेत्र और हाल के आर्थिक सुधार शामिल हैं। उम्मीदवार इनसे संबंधित अवधारणाओं को गहराई से पढ़ें। इसके अलावा गरीबी, बेरोजगारी और असमानता जैसी चुनौतियों से परिचित रहें। इन समस्याओं से बचने के लिए संचालित की जा रही सरकारी नीतियों का विश्लेषण करें।
अंतरराष्ट्रीय व्यापार और भुगतान संतुलन
इस खंड में अंतरराष्ट्रीय व्यापार सिद्धांतों, व्यापार बाधाओं और भुगतान संतुलन के बारे में गहराई से पढ़ें। इसके अलावा तुलनात्मक और पूर्ण लाभ की अवधारणाओं, टैरिफ और कोटा जैसी व्यापार नीतियों और भुगतान संतुलन को प्रभावित करने वाले कारकों को समझें। उम्मीदवार निवेश और इससे संबंधित सिद्धांतों को भी अच्छी तरह समझें। इस खंड की अवधारणाएं कठिन मानी जाती है, इन्हें याद करने के लिए संक्षिप्त नोट्स बनाएं और बार-बार इनका रिवीजन करें।
सार्वजनिक वित्त
सार्वजनिक वित्त का खंड परीक्षा के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है। इस खंड में सरकारी व्यय, राजस्व स्रोत और राजकोषीय नीति शामिल हैं। उम्मीदवार इनका विस्तृत रूप से अध्ययन करें। इसके अलावा प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर, सरकारी बजट के प्रकार और घाटे के वित्तपोषण की अवधारणा समझें। उम्मीदवार परीक्षा की तैयारी के दौरान आर्थिक स्थिरता और विकास पर राजकोषीय नीति के प्रभाव का विश्लेषण करें। बेहतर तैयारी के लिए प्रतिदिन उत्तर लेखन करें।