प्रतियोगी परीक्षाओं में होना चाहते हैं सफल? इन गलतियों को दोहराने से बचें
भारत में हर साल लाखों की संख्या में युवा प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग लेते हैं ताकि उन्हें सरकारी नौकरी मिल सके, लेकिन इनमें से कुछ उम्मीदवार ही सफल हो पाते हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं की प्रतिस्पर्धी प्रकृति उम्मीदवारों के लिए चुनौतियां खड़ी करती है। इन चुनौतियों को केवल वही उम्मीदवार पार कर पाते हैं जो सही दिशा में तैयारी करते हैं। आइए जानते हैं प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता के लिए उम्मीदवारों को किन गलतियों से बचना चाहिए।
मानसिक स्वास्थ्य को नजरअंदाज करना
परीक्षा तैयारी के दौरान कई उम्मीदवार शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर बिल्कुल ध्यान नहीं देते। वे इतनी कठोर दिनचर्या का पालन करते हैं कि उसमें मानसिक और शारीरिक आराम के लिए वक्त निकालना मुश्किल हो जाता है। उचित आराम नहीं मिलने की वजह से अभ्यर्थी जानकारियों को लंबे समय तक याद नहीं रख पाते और उनका शैक्षणिक प्रदर्शन खराब होता है। ऐसे में अभ्यर्थियों को प्रतिदिन व्यायाम और मेडिटेशन के लिए समय निकालना चाहिए।
आलोचना पर ध्यान देना
परीक्षा तैयारी के दौरान अमूमन हर उम्मीदवार को लोगों की आलोचना का शिकार होना पड़ता है, लेकिन जो उम्मीदवार इन आलोचनाओं पर जरूरत से ज्यादा ध्यान देते हैं, वे पीछे रह जाते हैं। आलोचनाओं पर ध्यान देकर सकारात्मक सुधार करना अच्छी बात है, लेकिन दिनभर आलोचनाओं की परवाह करना उम्मीदवारों को मुश्किल में डाल देता है। ऐसे में उम्मीदवार केवल अपनी तैयारी पर ध्यान दें। नकारात्मक अलोचकों से दूर रहने का प्रयास करें।
ना कहने से से डरना
अगर आप किसी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं और आपने ना कहना सीख लिया है तो आप निश्चित तौर पर सफल होंगे। कई अभ्यर्थी ना कहने से डरते हैं और इस वजह से उनका काफी समय बर्बाद हो जाता है। हर चीज के लिए हां कहते रहने से अभ्यर्थी अपने लक्ष्यों से दूर हो जाते हैं और उनका मन भटक जाता है। ऐसे में अपने लक्ष्यों के प्रति ईमानदार रहें और न कहना सीखें।
धैर्य न होना
किसी भी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करना एक लंबी यात्रा है। इसमें आप पहले ही प्रयास में सफलता की उम्मीद नहीं कर सकते। आपको एक परीक्षा पास करने में कई साल भी लग सकते हैं और सालों तक कड़ी मेहनत करने के लिए उम्मीदवार का धैर्यवान होना जरूरी है। कई उम्मीदवार धैर्य न होने के चलते तैयारी में स्थिर नहीं रह पाते और असफलताओं के डर से अपना रास्ता बदल लेते हैं।
खुद को अकेला कर लेना
कई उम्मीदवार तैयारी के दौरान खुद को अकेला कर लेते हैं। इसकी वजह से उन्हें तैयारी की यात्रा बोरियत भरी लग सकती है और प्रेरणा का स्तर भी कम होता है। ऐसे में अपने परिवार और दोस्तों के साथ समय जरूर बिताएं।