CBSE: LOC जमा करने की प्रक्रिया शुरू, स्कूलों और विद्यार्थियों के लिए अहम निर्देश जारी
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने उम्मीदवारों की सूची (LOC) जमा करने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है। 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा के लिए ये सबसे महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं में से एक है। LOC एक प्रकार का फॉर्म है, जिसमें विद्यार्थियों की जानकारी भरी जाती है। इस फॉर्म को भरने की आखिरी तारीख 18 सितंबर है। विलंब शुल्क के साथ 19 सितंबर तक फॉर्म भरा जा सकता है। LOC फॉर्म परीक्षा संगम पोर्टल पर जमा किए जाएंगे।
LOC फॉर्म में कौनसी जानकारी शामिल होती हैं?
LOC फॉर्म में स्कूलों द्वारा बोर्ड परीक्षाओं में शामिल होने वाले विद्यार्थियों का विवरण दर्ज किया जाता है। इसमें जनसांख्यिकीय डेटा और विद्यार्थियों द्वारा चुने गए विषय की जानकारी शामिल होती है। LOC फॉर्म प्राप्त होने के बाद ही CBSE बोर्ड परीक्षा के लिए आगे की तैयारी शुरू करता है। ऐसे में परीक्षा प्रक्रिया में देरी से बचने के लिए सभी संबद्ध स्कूलों को समय पर LOC जमा करने के निर्देश दिए गए हैं।
फॉर्म में गलती होने पर परीक्षा नहीं दे पाएंगे विद्यार्थी
LOC फॉर्म बेहद महत्वपूर्ण है। इसमें गलती होने पर भी विद्यार्थियों को बोर्ड परीक्षा के लिए अयोग्य ठहराया जा सकता है। CBSE ने छात्रों और विद्यालयों को चेतावनी दी है कि LOC फॉर्म में सभी विषयों को सावधानी के साथ चिन्हित करें। अगर ऐसा नहीं किया गया तो छात्रों को बोर्ड परीक्षा, 2024 में बैठने की अनमुति नहीं दी जाएगी। पिछले कुछ समय से LOC फॉर्म में गलतियों को देखते हुए CBSE ने सख्त रूख अपनाया है।
स्कूलों के लिए महत्वपूर्ण निर्देश जारी
एक बार सब्मिट किए गए LOC फॉर्म में सुधार का मौका नहीं दिया जाता है। ऐसे में CBSE ने स्कूलों और प्रधानाचार्यों को विशेष निर्देश जारी किए हैं। CBSE ने निर्देश दिए हैं कि सभी स्कूल LOC फॉर्म अधिसूचना को ध्यान से पढ़ें। जानकारियों को दिए गए फॉर्मेट में ही भरें। विवरण भरने में गलतियों से बचने के लिए स्कूल के कर्मचारियों को सभी दिशा-निर्देशों से अवगत कराएं। LOC फॉर्म में गलती होने के परिणाम के बारे में बताएं।
जनसांख्यिकीय विवरण में गलती हो जाने पर कैसे होगा सुधार?
विद्यार्थियों का जनसांख्यिकी विवरण गलत हो जाने पर उन्हें परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद इन विवरणों को सही कराना होगा। इससे पहले सुधार का मौका नहीं दिया जाएगा। परिणाम जारी होने के बाद विवरण सुधार में काफी समय लगता है। ऐसे में नए सत्र में प्रवेश लेने में समस्या होती है। CBSE ने कहा कि सही डेटा अपलोड करना स्कूल की जिम्मेदारी हैं। ऐसे में विद्यार्थी और स्कूल सभी जानकारियों की बारीकी से जांच करें।