12वीं के बाद आर्कियोलॉजिस्ट के रूप में बनाएं करियर, होगी लाखों में कमाई
इतिहास, मानव विकास और पुरानी सभ्यताओं का वैज्ञानिक दृष्टिकोण से अध्ययन करना आर्कियोलॉजी (पुरातत्व शास्त्र) कहलाता है। आर्कियोलॉजिस्ट (पुरातत्वविद) प्रकृति के रहस्यों को जानने के लिए लगातार शोध करते हैं। अगर आप भी ऐतिहासिक चीजों को जानने में जिज्ञासा रखते हैं तो ये क्षेत्र 12वीं के बाद बेहतर करियर विकल्प साबित हो सकता है। इस क्षेत्र में नौकरी के भी अच्छे विकल्प उपलब्ध हैं। आइए जानते है आर्कियोलॉजिस्ट के रूप में करियर कैसे बनाएं।
आर्कियोलॉजिस्ट क्या काम करते हैं?
एक आर्कियोलॉजिस्ट का मुख्य काम इतिहास को खोजना और सरंक्षित करना होता है। ये अलग-अलग जगहों पर जाकर पुरानी सभ्यताओं को खोजते हैं। पुरानी धरोहरों के बारे में शोध करते हैं। आर्कियोलॉजिस्ट अनुमान और ज्ञान के आधार पर इतिहास के रहस्यों से पर्दा उठाते हैं।
कौनसा कोर्स करें?
इतिहास विषय से 12वीं की परीक्षा पास करने वाले छात्रों के पास ज्यादा अवसर होते हैं। 12वीं पास करने के बाद छात्र डिग्री या डिप्लोमा कार्यक्रम में प्रवेश ले सकते हैं। आर्कियोलॉजी में स्नातकोत्तर और PhD कार्यक्रम भी उपलब्ध हैं। स्नातकोत्तर में मास्टर इन कंजर्वेशन प्रिजरवेशन एंड हेरिटेज मैनेजमेंट और मास्टर इन आर्कियोलॉजी एंड हेरिटेज मैनेजमेंट जैसे पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं। इनके अलावा आप हिस्टॉरिकल आर्कियोलॉजी, जिओ आर्कियोलॉजी, एक्सपेरिमेंटल ऑर्कियोलॉजी, एथनोआर्कियोलॉजी, आर्कियोमेट्री जैसे कोर्स भी कर सकते हैं।
किस संस्थान से कोर्स करें?
आर्कियोलॉजी में कोर्स करने के लिए भारत में ज्यादा विश्वविद्यालय नहीं है, लेकिन कुछ शीर्ष संस्थान हैं जहां से आप पढ़ाई कर सकते हैं। इनमें बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU), दिल्ली इंस्टीट्यूट ऑफ हेरिटेज रिसर्च एंड मैनेजमेंट, कर्नाटक राज्य विश्वविद्यालय शामिल हैं। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) भी कुछ पाठ्यक्रमों की पेशकश करता है। आप विदेश में पढ़ाई कर सकते हैं। कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी, स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी और कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में दाखिला ले सकते हैं।
कौनसे कौशल हैं जरूरी?
इस क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए छात्रों में धैर्य होना जरूरी है ताकि वे शोध कर सकें। इसके साथ ही छात्रों में विश्लेषणात्मक क्षमता होनी चाहिए ताकि वे तार्किक और आलोचनात्मक तरीके से सोच सकें। विभिन्न भाषाओं का ज्ञान और कार्य के प्रति लगाव होना भी जरूरी है। इस क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए बेहतर संचार कौशल होना भी आवश्यक है। बेहतर आर्कियोलॉजिस्ट बनने के लिए रचनात्मक होने के साथ-साथ छात्रों की नेतृत्व क्षमता भी अच्छी होनी चाहिए।
कहां मिलती है नौकरी?
आर्कियोलॉजी से जुड़ा कोर्स पूरा करने के बाद नौकरियों के बेहतर विकल्प मिलते हैं। संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) हर साल ASI कार्यालय के लिए आर्कियोलॉजिस्ट के पदों पर भर्ती के लिए परीक्षा आयोजित करता है। उम्मीदवार इसे पास करके सरकारी नौकरी पा सकते हैं। इसके अलावा विभिन्न संग्रहालय, यूनेस्को जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठन से भी जुड़ सकते हैं। आप चाहें तो निजी या सरकारी विश्वविद्यालयों में प्रोफेसर के तौर पर काम कर सकते हैं।
कितनी होती है कमाई?
निजी क्षेत्र में शुरुआती तौर पर 30,000 से 50,000 रुपये प्रतिमाह और सरकारी क्षेत्र में 80,000 से 1,00,000 रुपये प्रतिमाह तक वेतन मिल सकता है। अनुभव बढ़ने और महत्वपूर्ण शोध करने के बाद आप लाखों रुपये कमा सकते हैं।