12वीं के बाद ट्रांसलेटर के रूप में बनाएं करियर, देखें वेतन और कोर्स की पूरी जानकारी
वैश्वीकरण के इस दौर में स्किल बेस्ड करियर को प्राथमिकता दी जा रही है और भारतीय छात्र इंजीनियरिंग और बैंकिंग जैसे पारंपरिक क्षेत्रों से हटकर नए-नए क्षेत्रों में करियर बना रहे हैं। 12वीं के बाद करियर विकल्प में एक बेहतरीन फील्ड है ट्रांसलेशन का भी है। आपको अलग-अलग तरह की भाषाएं सीखना और बोलना पसंद है तो आप लैंग्वेज ट्रांसलेटर (भाषा अनुवादक) के रूप में करियर बना सकते हैं। आइए जानते हैं लैंग्वेज ट्रांसलेटर कैसे बन सकते हैं।
कौन होते हैं लैंग्वेज ट्रांसलेटर?
ट्रांसलेटर ऐसे लोगों को कहा जाता है, जो एक भाषा को दूसरी भाषा में ट्रांसलेट (अनुवाद) करते हैं। ट्रांसलेटर बनने के लिए कम से कम दो भाषाओं पर पकड़ मजबूत होनी चाहिए। ट्रांसलेटर भारत सरकार, प्राइवेट कंपनियों और विदेशी कंपनियों के साथ काम करते हैं।
कितने प्रकार के होते हैं ट्रांसलेटर?
लैंग्वेज ट्रांसलेटर अलग-अलग प्रकार के होते हैं। कुछ ट्रांसलेटर स्वास्थ्य और चिकित्सा के क्षेत्र में काम करते हैं। ये रोगियों को डॉक्टरों और नर्सों के साथ संवाद कराने में मदद करते हैं। कुछ ट्रांसलेटर अदालतों का काम देखते हैं। ये अदालत की सुनवाई में बयान दर्ज कराने और गवाही देने में लोगों की सहायता करते हैं। कुछ साइन लैंग्वेज ट्रांसलेटर होते है, जो सुनने-बोलने में असक्षम लोगों की मदद करते हैं। इसके अलावा साहित्यक ट्रांसलेटर, कॉंफ्रेंस ट्रांसलेटर भी होते हैं।
कैसे बन सकते हैं ट्रांसलेटर?
ट्रांसलेटर बनने के लिए आपको हिंदी और अंग्रेजी के अलावा विदेशी भाषाएं सीखनी होंगी। अगर आप 12वीं के बाद लैंग्वेज ट्रांसलेटर बनना चाहते हैं तो आपको किसी भी फॉरेन लैंग्वेज में सर्टिफिकेट, डिप्लोमा या डिग्री कोर्स करना होगा। विद्यार्थी फ्रैंच, इटैलियन, स्पेनिश, जर्मन, जापानी, अंग्रेजी और कोरियन जैसी भाषाओं में BA ऑनर्स कर सकते हैं। अगर ग्रेजुएशन के बाद ट्रांसलेटर बनना चाहते हैं तो फॉरेन लैंग्वेज में मास्टर डिग्री कोर्स या डिप्लोमा करना होगा। इसके बाद PhD कर सकते हैं।
कहां से करें कोर्स?
आप भारत के सेंट्रल ट्रांसलेशन ब्यूरो नई दिल्ली, अन्नामलाई विश्वविद्यालय चेन्नई, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, पुणे विश्वविद्यालय, विश्वभारती विश्वविद्यालय, किरोड़ी मल कॉलेज, महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, पंजाब विश्वविद्यालय, द सेंटर फॉर इंग्लिश एंड फॉरेन लैंग्वेज हैदराबाद आदि शिक्षा संस्थानों से ट्रांसलेटर का कोर्स कर सकते हैं।
कहां मिलती है नौकरी?
लैग्वेज ट्रांसलेटर बनने के बाद सरकारी और प्राइवेट दोनों क्षेत्रों में रोजगार के अवसर मिलते हैं। बहुत से लोग फ्रीलांसर के तौर पर भी काम करते हैं। लैंग्वेज ट्रांसलेटर को भारत सरकार के विदेश मंत्रालय, अंतरराष्ट्रीय बैंकों, अंतरराष्ट्रीय संगठनों, रिसर्च सेंटर्स, पब्लिशिंग हाउस, दूतावास, अदालत और एयरलाइंस में काम करने का मौका मिलता है। इसके अलावा सॉफ्टवेयर कंपनी, अखबार, टेक्निकल और साइंटिफिक बिजनेस, शिक्षा सेवा, हॉस्पिटल, ट्रेवल और टूरिज्म सेक्टर और होटल इंडस्ट्री में भी नौकरी मिल जाती है।
वेतन कितना मिलता है?
लैंग्वेज ट्रांसलेटर का वेतन हजार से लेकर लाखों में हो सकता है। वेतन इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस संस्थान के साथ काम कर रहे हैं और किस भाषा के ट्रांसलेटर हैं। अगर आप ज्यादा मांग वाली भाषा के ट्रांसलेटर है तो आपको वेतन ज्यादा मिल जाता है। शुरुआती तौर पर 20,000 प्रतिमाह वेतन मिल जाता है, जो अनुभव बढ़ने के साथ 50,000 से 1,00,000 रुपये प्रतिमाह तक पहुंच जाता है।
ट्रांसलेटर बनने के लिए जरूरी स्किल्स
एक ट्रांसलेटर दूसरों की बातों को ठीक से सुनने और समझने के बाद उसका ट्रांसलेशन करता है, इसलिए आपमें सुनने और समझने की क्षमता होनी चाहिए। आपको लोकल और टारगेट लैंग्वेज में लिखना और बोलना आना चाहिए। कंप्यूटर चलाना आना चाहिए। ट्रांसलेटर बनने के लिए बॉडी लैंग्वेज और कम्युनिकेशन स्किल्स पर ध्यान दें। आत्मविश्वास होना चाहिए। फ्रीलांस ट्रांसलेटर बनने में समय लगता है और क्लाइंट ढूंढने में परेशानी होती है। ऐसे में आपमें धैर्य होना जरूरी है।