विश्व मृदा दिवस: जानें मृदा विज्ञान और इस क्षेत्र में शीर्ष करियर विकल्पों के बारे में
आज (5 दिसंबर) विश्व मृदा दिवस (वर्ल्ड सॉइल डे) मनाया जा रहा है। इस बार मृदा दिवस की थीम है मिट्टी और पानी, जीवन का एक स्त्रोत। इसके जरिए लोगों को मिट्टी का महत्व बताया जाएगा। मिट्टी हमारे जीवन का आधार है, ये हमारी खाद्य प्रणाली की नींव है। अगर आपको मिट्टी से लगाव है तो मृदा विज्ञान (सॉइल साइंस) 12वीं के बाद बेहतर करियर विकल्प साबित हो सकता है। आइए जानते हैं कि इस क्षेत्र में करियर कैसे बनाएं।
क्या है मृदा विज्ञान?
मिट्टी खनिजों, मृत और जीवित जीवों (कार्बनिक पदार्थों), हवा और पानी का मिश्रण है। इसके निर्माण, प्रकृति और वर्गीकरण का अध्ययन करना ही मृदा विज्ञान है। मृदा वैज्ञानिक (सॉइल साइंटिस्ट) मिट्टी का अध्ययन कर फसल उत्पादन, मिट्टी के विकास और पर्यावरणीय गुणवत्ता का प्रबंधन करते हैं। वर्तमान समय में जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण के कारण मिट्टी की गुणवत्ता प्रभावित हुई है। ऐसे में मृदा वैज्ञानिक अलग-अलग शोध के माध्यम से मिट्टी की गुणवत्ता बढ़ाने का काम करते हैं।
कौन-सा कोर्स करें?
मृदा विज्ञान में कई स्नातक और स्नातकोत्तर कार्यक्रम के विकल्प उपलब्ध हैं। उम्मीदवार 12वीं के बाद एग्रीकल्चर या मृदा विज्ञान में BSc, एग्रोनॉमी, एग्रीकल्चरल केमिस्ट्री, एग्रीकल्चर एक्सटेंशन, एग्रीकल्चरल इकोनॉमिक्स, फॉरेस्ट्री, एग्रीकल्चरल बॉटनी में इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल कर सकते हैं। इन कोर्सों में छात्र पर्यावरणीय रूप से कृषि, वानिकी, पारिस्थितिक तंत्र, शहरी उपयोग और खनन के लिए मिट्टी की व्याख्या और प्रबंधन करना सीखते हैं। स्नातक के बाद छात्र मृदा विज्ञान की किसी शाखा में विशेषज्ञता हासिल कर सकते हैं।
किस संस्थान से करें पढ़ाई?
इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए उम्मीदवार भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय, हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय, भारतीय मृदा विज्ञान संस्थान भोपाल से पढ़ाई कर सकते हैं। इसके अलावा केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान और भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान देहरादून भी अच्छे शिक्षा संस्थान हैं। इनमें से कुछ कॉलेजों में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा पास करना अनिवार्य है। उम्मीदवार कॉलेज की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर प्रवेश प्रक्रिया देख सकते हैं।
कहां मिलेंगे काम करने के मौके?
मृदा विज्ञान की पढ़ाई करने के बाद उम्मीदवारों को मृदा परीक्षण केंद्र, कृषि केंद्र, कृषि-कंसल्टिंग फर्म में काम करने के बेहतरीन अवसर मिलते हैं। उम्मीदवार मृदा वैज्ञानिक, मृदा प्रयोगशाला टेक्नीशियन, मृदा परीक्षण टेक्नीशियन, मृदा संरक्षण टेक्नीशियन के रूप में कार्य कर सकते हैं। इसके अलावा मृदा सर्वेक्षक, पर्यावरण वैज्ञानिक, उर्वरक परीक्षक, फसल परामर्शदाता भी अच्छे करियर विकल्प हैं। उम्मीदवार किसी भी कृषि कॉलेज में प्रोफेसर के रूप में भी कार्य कर सकते हैं।
कितना मिलेगा वेतन?
इस क्षेत्र में आकर्षक वेतन मिलता है। एक मृदा वैज्ञानिक को शुरुआती तौर पर हर साल 8 से 12 लाख रुपये की कमाई होती है। अनुभव बढ़ने के बाद वेतन भी बढ़ता है। अगर आप खुद का मृदा परीक्षण या परामर्श केंद्र खोलते हैं तो लाखों रुपये की कमाई हो सकती है। आप खुद का यूट्यूब चैनल खोलकर भी कृषि संबंधी परामर्श दे सकते हैं और घर बैठे कई लोगों तक अपनी सुविधाएं पहुंचा सकते हैं।