हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जज कैसे बन सकते हैं? जानिए पूरी प्रक्रिया
12वीं के बाद करियर विकल्प के रूप में कई छात्र कानूनी क्षेत्र को चुनते हैं। देश के कानूनी परिदृश्य को सकारात्मक पक्ष में बदलने की चाह रखने वाले कई युवा जज यानि न्यायाधीश बनना चाहते हैं। भारत में जज को ऊंचा दर्जा और सम्मान प्राप्त है। हालांकि, जज बनना आसान काम नहीं है। ये एक लंबी और चुनौतीपूर्ण यात्रा है। आइए जानते हैं भारत में जज बनने की प्रक्रिया क्या है।
जज बनने के लिए जरूरी योग्यता
जिला कोर्ट में जज बनने के लिए कानून में स्नातक और वकालत में 7 साल का अनुभव होना अनिवार्य है। ऐसे में उम्मीदवार 12वीं के बाद LLB की डिग्री हासिल कर सकते हैं। हाई कोर्ट में जज बनने के लिए हाई कोर्ट वकील के रूप में 10 साल का अनुभव होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट का जज बनने के लिए हाई कोर्ट में जज के रूप में 5 साल या वकालत में 10 साल का कार्य अनुभव होना जरूरी है।
इन संस्थानों से करें कानून की पढ़ाई
भारत में कानून की पढ़ाई के लिए नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी बैंगलोर, नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (दिल्ली, कोलकाता), नेशनल एकेडमी ऑफ लीगल स्टडीज एंड रिसर्च (NALSAR) हैदराबाद, गुजरात नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, सिम्बायोसिस लॉ स्कूल, जामिया मिलिया इस्लामिया, बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय जैसे शीर्ष संस्थान हैं। इन संस्थानों में दाखिले के लिए उम्मीदवारों को कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (CLAT), कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET), लॉ स्कूल एडमिशन टेस्ट जैसी प्रवेश परीक्षा देनी होती हैं।
जज बनने के लिए देनी होती है परीक्षा
जज बनने के लिए न्यायिक सेवा परीक्षा या प्रांतीय सिविल सेवा न्यायिक परीक्षा देनी होती है। इस परीक्षा में केवल कानूनी स्नातक या वकालत का अनुभव प्राप्त युवा भाग ले सकते हैं। लिखित परीक्षा में प्रदर्शन के आधार पर एक मेरिट सूची तैयार की जाती है। इसके बाद उम्मीदवारों को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है। चयन प्रक्रिया के बाद चयनित उम्मीदवारों को प्रशिक्षण दिया जाता है। इसके बाद न्यायिक मजिस्ट्रेट के रूप में नियुक्त किया जाता है।
अनुभव बढ़ने के साथ मिलती है पदोन्नति
न्यायिक सेवा परीक्षा पास करने के बाद उम्मीदवारों को 3 साल के लिए जिला न्यायिक मजिस्ट्रेट के रूप में नियुक्त किया जाता है। 3 वर्ष सेवा देने के बाद ही उम्मीदवार जिला जज के रूप में नियुक्त होने के पात्र होते हैं। अनुभव बढ़ने के बाद उम्मीदवार हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जज बनने के लिए आवेदन कर सकते हैं। भारत में हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जजों की नियुक्ति कॉलेजियम सिस्टम के आधार पर होती है।
जज का वेतन और सुविधाएं
जज बनने पर उम्मीदवारों को पद या अधिकार क्षेत्र के अनुसार वेतन मिलता है। जिला कोर्ट में जज बनने पर उम्मीदवारों को 40,000 से 70,000 रुपये प्रतिमाह वेतन मिलता है। हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जज बनने पर उम्मीदवारों को 1,00,000 से 2,50,000 रुपये प्रतिमाह तक वेतन मिलता है। भारत में जज बनने पर कई लाभ और सरकारी भत्ते भी मिलते हैं। इनमें मेडिकल सुविधाएं, परिवहन सुविधाएं और सरकारी आवास भी शामिल है।