राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल में कैसे मिलता है दाखिला, कितनी है फीस?
छात्रों के बेहतर करियर निर्माण और उन्हें देश सेवा के लिए प्रेरित करने के लिए राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल सबसे अच्छे माने जाते हैं। ये अंग्रेजी माध्यम के आवासीय स्कूल हैं। इनका संचालन भारत सरकार का रक्षा मंत्रालय करता है। इन स्कूलों में शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए आवेदन प्रक्रिया चल रही है। उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से 18 अक्टूबर तक आवेदन कर सकते हैं। आइए जानते हैं कि राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल में दाखिला कैसे मिलता है।
क्या है स्कूल का उद्देश्य?
राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूलों की स्थापना साल 1925 में की गई थी, ये देश के सबसे पुराने स्कूलों में शामिल हैं। इसका मुख्य उद्देश्य रक्षा कर्मियों और नागरिकों के बच्चों को 6वीं से 12वीं तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना और उन्हें रक्षा सेवाओं में शामिल होने के लिए तैयार करना है। भारत में 5 राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल है, जो राजस्थान के अजमेर और धोलपुर, कर्नाटक के बेलगाम और बैंग्लोर, हिमाचल प्रदेश के चैल में स्थित हैं।
किन विद्यार्थियों को मिलता है दाखिला?
राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूलों में कक्षा 6, 9 और 11 के लिए दाखिले दिए जाते हैं। 6वीं में लड़के और लड़कियों दोनों दाखिला ले सकते हैं जबकि 9वीं में केवल लड़के ही प्रवेश ले सकते हैं। कक्षा 6 में दाखिले के लिए विद्यार्थियों की आयु 10 साल से कम और 12 साल के अधिक नहीं होना चाहिए। कक्षा 9 में प्रवेश के लिए छात्रों की आयु 13 से 15 साल के बीच होना जरूरी है।
कैसे मिलता है दाखिला?
कक्षा 6 और 9 में प्रवेश के लिए उम्मीदवारों को लिखित परीक्षा में भाग लेना होता है जबकि कक्षा 11 में 10वीं में प्राप्त अंकों के आधार पर दाखिला मिलता है। कक्षा 6 और 9 के लिए कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (CET) होता है। कक्षा 6 के लिए 1 पेपर और कक्षा 9 के लिए 2 पेपर होते हैं। लिखित परीक्षा में वस्तुनिष्ठ प्रकार के बहुविकल्पीय सवाल पूछे जाते हैं। परीक्षा की जानकारी मैसेज/ई-मेल के माध्यम से दी जाती है।
क्या है परीक्षा पाठ्यक्रम?
कक्षा 6 की लिखित परीक्षा में अंग्रेजी, गणित और सामान्य जागरूकता के विषयों पर आधारित सवाल पूछे जाते हैं। परीक्षा में पास होने के लिए न्यूनतम 40 फीसदी अंक लाना जरूरी है। कक्षा 9 की लिखित परीक्षा में अंग्रेजी, गणित, विज्ञान, सामाजिक अध्ययन और हिंदी विषय से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। 9वीं के दोनों पेपरों में न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक लाना अनिवार्य है। परीक्षा OMR आधारित मोड पर आयोजित होती है।
कितनी है फीस?
नौसेना, वायु सेना और थल सेना में कार्यरत अधिकारी कर्मचारियों और पूर्व सैनिकों के बच्चों के लिए ट्यूशन फीस 12,000 से 32,000 रुपये प्रति वर्ष हो सकती है जबकि असैनिक वर्ग के बच्चों के लिए फीस 51,000 रुपये प्रतिवर्ष तक होती है।