परीक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण हैं भारतीय संविधान से जुड़े ये तथ्य, तुरंत करें याद
क्या है खबर?
भारत का संविधान देश की सामाजिक व्यवस्था को आकार देने में गहरा महत्व रखता है।
ये देश का एक आवश्यक दस्तावेज हैं जो शासन के लिए रुपरेखा तैयार करता है। भारतीय संविधान स्कूली और प्रतियोगी परीक्षाओं के पाठ्यक्रम का प्रमुख हिस्सा है।
ऐसे में छात्रों को इसके बारे में गहरी समझ विकसित करनी चाहिए।
आइए भारतीय संविधान से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्यों को जानते हैं जो परीक्षा के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण हैं।
#1
संविधान का निर्माण
साल 1934 में एमएन रॉय ने सबसे पहले संविधान सभा का विचार रखा था। इसके बाद 1946 में कैबिनेट मिशन योजना के अंतर्गत संविधान सभा के गठन के लिए चुनाव कराए गए थे।
भारत की संविधान सभा ने संविधान संबंधी कार्यों के लिए कुल 13 समितियां बनाई थी।
इसमें प्रारूप समिति, संघ शक्ति समिति, संघीय संविधान समिति, प्रांतीय संविधान समिति, मौलिक अधिकारों, अल्पसंख्यकों, जनजातीय और बहिष्कृत क्षेत्रों पर सलाहकार समिति, संचालन समिति और प्रक्रिया समिति शामिल थी।
#2
सबसे बड़ा लिखित संविधान
भारत का संविधान दुनिया के सबसे लंबे लिखित संविधानों में से एक है। जिसमें 440 से ज्यादा अनुच्छेद हैं, इसे 25 भागों में विभाजित किया गया है।
अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, यूनाइटेड किंगडम, कनाडा जैसे देशों का संविधान भारतीय संविधान की तुलना में छोटा है।
भारतीय संविधान को मूल रूप से अंग्रेजी और हिंदी में लिखा गया है। इसके निर्माण में 2 साल, 11 महीने और 18 दिन लगे थे।
इसे अलग-अलग देशों के संविधान के प्रावधानों को जोड़कर बनाया गया है।
#3
भारत शासन अधिनियम 1935 पर है आधारित
भारतीय संविधान भारत शासन अधिनियम 1935 पर आधारित है। ये 321 धाराओं और 10 अनुसूचियों के साथ ब्रिटिश सरकार द्वारा पारित सबसे लंबा अधिनियम था।
इस अधिनियम को साइमन कमीशन की रिपोर्ट, गोलमेज सम्मेलन, संयुक्त चयन समितियों की रिपोर्ट जैसे स्त्रोतों से तैयार किया गया था।
इस अधिनियम की विशेषताओं में संघीय विधानमंडल, प्रांतीय स्वायत्तता, मताधिकारी का विस्तार आदि शामिल थे। मौजूदा भारतीय संविधान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा इस अधिनियम से लिया गया है।
#4
प्रस्तावना में शामिल हैं ये मुख्य शब्द
प्रस्तावना संविधान के इतिहास, राष्ट्र के मूल्य और सिद्धांतों को प्रस्तुत करती है। इसमें कुछ महत्वपूर्ण शब्द शामिल हैं, जिनके बारे में कई सवाल पूछे जाते हैं।
प्रस्तावना में संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक, गणतंत्र जैसे शब्द शामिल हैं।
समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष शब्द को 42वें संविधान संशोधन 1976 द्वारा प्रस्तावना में शामिल किया गया था।
केशवानंद भारती मामले में हुई सुनवाई में प्रस्तावना को संविधान का हिस्सा मानने की बात कही गई थी।
#5
संविधान के महत्वपूर्ण स्त्रोत
भारतीय संविधान में वर्णित सरकार का संसदीय स्वरूप, कानून का शासन, एकल नागरिकता का विचार, रिट जारी करने की शक्ति यूनाइटेड किंगडम (UK) से ली गई है।
वहीं, मौलिक अधिकार, न्यायिक समीक्षा, राष्ट्रपति पर महाभियोग, संघीय संरचना और न्यायधीशों को हटाने की शक्ति अमेरिका के संविधान से ली गई है।
राज्य के नीति निदेशक सिद्धांत, राष्ट्रपति के चुनाव की विधि आयरलैंड से और केंद्र-राज्य के बीच शक्तियों का वितरण कनाडा के संविधान से लिया गया है।