प्रधानमंत्री मोदी- संविधान बदलकर हिंदू राष्ट्र बनाने की योजना नहीं, अल्पसंख्यकों के साथ कोई भेदभाव नहीं
क्या है खबर?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिटिश बिजनेस अखबार फाइनेंशियल टाइम्स (FT) को दिए साक्षात्कार में भारतीय संविधान में संशोधन की बातों को सिरे से खारिज किया है और तीसरी बार भी अपनी जीत पक्की बताई।
मोदी ने कहा कि उन्हें अहसास है कि देश उन्नति के कगार पर है और वह 2024 के राष्ट्रीय चुनावों में जीत के प्रति बहुत आश्वस्त हैं।
उन्होंने अपनी योजनाओं की सफलता का जिक्र कह कहा कि 10 साल में लोगों की आकांक्षाएं काफी बदली हैं।
साक्षात्कार
संविधान के संशोधन पर क्या बोले मोदी?
FT ने धर्मनिरपेक्ष मूल्यों को नष्ट करने और संविधान में संशोधन कर हिंदू राष्ट्र बनाने पर सवाल किया।
इस पर मोदी बोले, "भाजपा के आलोचक अपनी राय रखने को आजाद हैं, लेकिन ऐसे आरोपों के साथ बुनियादी दिक्कत है, जो अक्सर आलोचना के रूप में सामने आते हैं। ये दावे भारतीयों की बुद्धिमत्ता का अपमान करते हैं और विविधता और लोकतंत्र जैसे मूल्यों के प्रति उनकी गहरी प्रतिबद्धता को भी कम आंकते हैं। संविधान में संशोधन की बात निरर्थक है।"
बातचीत
मुस्लिम अल्पसंख्यकों के भविष्य पर क्या बोले मोदी?
FT के मुताबिक, जब मोदी से पूछा गया कि भारत में मुस्लिम अल्पसंख्यकों का भविष्य क्या है तो उन्होंने इसकी बजाय भारत में पारसियों की आर्थिक सफलता की ओर इशारा किया, जिन्हें वह भारत में रहने वाले धार्मिक सूक्ष्म-अल्पसंख्यक के रूप में वर्णित करते हैं।
मोदी ने कहा कि भारतीय समाज में धार्मिक अल्पसंख्यकों के प्रति भेदभाव की कोई भावना नहीं है।
उन्होंने कहा कि जो लोग आज उनकी सरकार पर संदेह करते हैं, वे भी गलत साबित होंगे।