स्कूल/कॉलेज में असफल होने के बावजूद बने IAS और IPS अधिकारी, जानें
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा हर साल आयोजित की जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा (CSE) सबसे चुनौतीपूर्ण परीक्षाओं में से एक है। तीन-चरण के CSE को पास करना आसान बात नहीं है और कई साल इसे पास करने में लग जाते हैं। हालांकि, कुछ उम्मीदवार ऐसे भी हैं, जिन्होंने स्कूल/कॉलेज में असफल होने या ड्रॉप करने के बावजूद IAS और IPS अधिकारी बनने के लिए कठिनाइयों का सामना किया। आइए जानें ऐसे ही कुछ सिविल सर्वेंट के बारे में।
IAS अधिकारी रुक्मिणी रायर हुईं थीं 6वीं में फेल
रुक्मिणी रायर राजस्थान कैडर की 2012 बैच की IAS अधिकारी हैं। उन्होंने UPSC CSE 2011 को न केवल पास किया बल्कि अपने पहले ही प्रयास में अखिल भारतीय रैंक (AIR) 2 हासिल की। जब वह स्कूल में 6वीं में फेल हो गई थीं, लेकिन उस घटना के बाद उन्होंने कड़ी मेहनत करने का मन बनाया और यह महसूस किया कि दृढ़ता के साथ कुछ भी असंभव नहीं है। रुक्मणी वर्तमान में राजस्थान में बूंदी की जिला मजिस्ट्रेट हैं।
ये IPS अधिकारी हुए थे HSC परीक्षा में असफल
उमेश गणपत खंडबाहले पश्चिम बंगाल कैडर के 2015 बैच के IPS अधिकारी हैं। महाराष्ट्र के नासिक जिले के माहिरावानी गाँव के रहले वाले उमेश अपनी HSC (हायर सेकेंडरी स्कूल सर्टिफिकेट) की परीक्षा पास करने में असफल हो गए थे। हालांकि अपनी विफलता को पीछे छोड़ते हुए, उमेश ने फिर से अध्ययन करना शुरू कर दिया और अपने तीसरे प्रयास में AIR 704 से CSE 2014 को पास किया। इससे पहल उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएशन किया छा।
गौरव अग्रवाल एक सेमेस्टर में हुए फेल
2014 बैच के IAS अधिकारी गौरव अग्रवाल ने CSE 2013 में AIR 1 हासिल की थी। विशेष रूप से 16 साल की उम्र में उन्होंने IIT-JEE को भी पास किया और IIT कानपुर में प्रवेश लिया। हालांकि IIT कानपुर में वह एक सेमेस्टर में असफल हो गए थे और उन्हें स्नातक पूरा करने के लिए अतिरिक्त समय देना पड़ा। उस असफलता ने उन्होंने मजबूत बना दिया और वह IIM लखनऊ स्वर्ण पदक विजेता और CSE टॉपर बने।
यह IAS अधिकारी 12वीं में हुए फेल
के इलंबाहवाथ तमिलनाडु कैडर के 2016 बैच के IAS अधिकारी हैं। पिता की मृत्यु के बाद आर्थिक तंगी के कारण उन्होंने 12वीं में स्कूल छोड़ दिया था। कई चुनौतियों और कठिनाइयों के बावजूद उन्होंने 19 साल बाद IAS अधिकारी बनने का अपना सपना हासिल किया। उन्होंने AIR 117 हासिल करते हुए CSE 2015 को पास किया था। वह वर्तमान में तमिलनाडु के वेल्लोर में रानीपेट के उप-कलेक्टर हैं।