
जेप्टो अपने 2,140 करोड़ रुपये के शेयर भारतीय निवेशकों को बेचने की कर रही तैयारी
क्या है खबर?
ऑनलाइन किराना डिलीवरी कंपनी जेप्टो अपने कुछ शेयर भारतीय निवेशकों को बेचने की तैयारी कर रही है।
यह सौदा लगभग 25 करोड़ डॉलर (लगभग 2,140 करोड़ रुपये) का हो सकता है। इससे मौजूदा निवेशक और कर्मचारी अपने शेयर बेचकर नकद प्राप्त कर सकेंगे।
मोतीलाल ओसवाल और एडलवाइस जैसी फाइनेंशियल कंपनियां इसमें दिलचस्पी दिखा रही हैं। जेटो का मूल्यांकन इस सौदे में 5 अरब डॉलर (लगभग 42,800 करोड़ रुपये) से थोड़ा ज्यादा रहने की उम्मीद है।
हिस्सेदारी
IPO से पहले हिस्सेदारी बढ़ाने की कोशिश
जेप्टो इस साल के अंत या 2026 की शुरुआत में IPO लॉन्च करने की योजना बना रही है।
अभी भारतीय निवेशकों के पास कंपनी के 33 प्रतिशत शेयर हैं, जिसे बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है। जेप्टो के संस्थापक आदित पालीचा और कैवल्य वोहरा के पास करीब 20 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
आमतौर पर स्टार्टअप में कर्मचारियों को पहले शेयर बेचने की छूट देना विवादित होता है, लेकिन अब इसे इनाम देने का तरीका माना जा रहा है।
टक्कर
बड़े ब्रांड्स से कड़ी टक्कर
जेप्टो को भारत के ऑनलाइन किराना बाजार में बड़ी कंपनियों से मुकाबला करना पड़ रहा है।
इसके प्रमुख प्रतिद्वंद्वी अमेजन इंडिया, स्विगी, जोमैटो और बिगबास्केट हैं। 22 साल के आदित पालीचा और कैवल्य वोहरा ने 2021 में जेप्टो की शुरुआत की थी।
उन्होंने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की पढ़ाई छोड़कर इस स्टार्टअप को खड़ा किया। किराना डिलीवरी का यह बाजार कम मुनाफे और कड़ी प्रतिस्पर्धा वाला है, लेकिन जेप्टो तेजी से अपनी स्थिति मजबूत कर रही है।