जीवन बीमा पॉलिसी सरेंडर करने की पूरी प्रक्रिया क्या है?
क्या है खबर?
कई बार ऐसी परिस्थिति आ जाती है कि हमें बीमा पॉलिसी सरेंडर करनी पड़ जाती है। ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि या तो हम समय से प्रीमियम का भुगतान नहीं कर पाते या फिर हम मेचुरिटी पूरी नहीं कर पाते।
पॉलिसी को समय से पहले सरेंडर करने के लिए बीमा कंपनी की प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है। इसके लिए सरेंडर शुल्क भी देना पड़ता है।
आइए जानते हैं कि जीवन बीमा पॉलिसी को सरेंडर करने की क्या प्रक्रिया है।
जानकारी
सरेंडर वैल्यू क्या है?
अगर कोई बीमाधारक मेचुरिटी से पहले अपने पॉलिसी को सरेंडर करने की योजना बनाता है तो वह ऐसा कर सकता है। ऐसी स्थिति में बीमा कंपनी नियमों के मुताबिक कटौती के बाद पैसा लौटाती है।
मान लीजिए कि पॉलिसी धारक मेचुरिटी से पहले सरेंडर कर देता है, तो उसे दी जाने वाली पूरी राशि में से बीमा कंपनी अपना सरेंडर चार्ज काटती है।
सरेंडर वैल्यू दो प्रकार से की होती है। पहली गारंटीड सरेंडर वैल्यू और दूसरी स्पेशल सरेंडर वैल्यू।
जानकारी
गारंटीड सरेंडर वैल्यू की गणना
गारंटीड सरेंडर वैल्यू का आधार तीन साल पूरे होने पर होता है। इसमें भुगतान किए गए प्रीमियम का केवल 30 फीसदी तक बनता है। इसके अलावा इसमें पहले वर्ष पर सरेंडर करने पर भुगतान किए गए प्रीमियम पर कोई भी लाभ शामिल नहीं होता है।
जानकारी
स्पेशल सरेंडर वैल्यू की गणना
पॉलिसी को सरेंडर करने के बाद स्पेशल सरेंडर वैल्यू मिलती है, जिसकी गणना पेड-अप वैल्यू प्लस कुल बोनस और सरेंडर वैल्यू फैक्टर के आधार पर होता है। सरेंडर वैल्यू फैक्टर पेड राशि और बोनस का प्रतिशत होता है। (पेड-अप वैल्यू+बोनस)*सरेंडर वैल्यू फैक्टर= स्पेशल सरेंडर वैल्यू
ULIP
ULIP सरेंडर करने पर
यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ULIP) में अगर आप लॉक इन अवधि से पहले प्रीमियम का भुगतान बंद कर देते हैं पॉलिसी समाप्त हो जाएगी।
वहीं लॉक इन अवधि के बाद पॉलिसी धारक से कोई शुल्क नहीं लिया जाता है, जिसमें आपको निवेश की गई पूरी राशि वापस मिलती है।
आपको बता दें कि ULIP में लंबी अवधि के निवेश में ही फायदा होता है, इसलिए इसे लॉक इन अवधि के बाद सरेंडर करना चाहिए।
प्रक्रिया
इस तरह कर सकते हैं सरेंडर
जीवन बीमा पॉलिसी को सरेंडर करने के लिए आपको बीमा कंपनी से संपर्क करना होगा। इसके बाद बीमा कंपनी आपको सरेंडर रिक्वेस्ट फॉर्म देगी, जिसे भरकर आपको जमा करना होगा।
सरेंडर के दौरान पॉलिसी के मूल दस्तावेज, एक कैंसल चेक के साथ अपनी जानकारी संबंधित दस्तावेज (जैसे आधार कार्ड, वोटर ID कार्ड) देना पड़ता होता है। इसके बाद सरेंडर की प्रक्रिया शुरू हो जाती है, जिसमें सात से 10 दिन लग सकते हैं।