दूरसंचार कंपनियों ने DPDP नियम लागू करने के लिए सरकार से समय मांगा
क्या है खबर?
दूरसंचार कंपनियों ने डिजिटल व्यक्तिगत डाटा संरक्षण (DPDP) अधिनियम के नियम लागू करने के लिए सरकार से 2 साल का समय मांगा है।
कंपनियों का कहना है कि इन नियमों को लागू करने के लिए उनके तकनीकी सिस्टम में बड़े बदलाव की जरूरत होगी। उन्होंने दूरसंचार विभाग (DoT) के साथ बैठक में अनुपालन से जुड़े बोझ और अधिक प्रक्रिया होने की बात उठाई।
इसके साथ ही, उन्होंने इन बदलावों को लागू करने के लिए ज्यादा समय देने का अनुरोध किया।
मांग
नियमों में बदलाव और मुख्य मांगें
कंपनियों ने DPDP नियमों में डाटा मिटाने, सहमति प्रबंधन और पुराने ग्राहकों के डाटा से जुड़े मुद्दों को लेकर चिंता जताई। उनका कहना है कि लाइसेंस समझौतों और DPDP नियमों में दोहराव से बचा जाए।
उन्होंने सरकार से अनुरोध किया कि DoT और इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्रालय (MeitY) के बीच तालमेल बढ़े।
कंपनियां चाहती हैं कि नए नियमों को लागू करने के लिए व्यावहारिक समय दिया जाए ताकि तकनीकी ढांचे में सुधार हो सके।
दिक्कत
नए नियमों से कंपनियों को क्या दिक्कतें होंगी?
DPDP नियमों के तहत कंपनियों को ग्राहकों से डाटा साझा करने और मार्केटिंग सेवाओं के लिए साफ सहमति लेनी होगी। इसके लिए उनके मौजूदा सिस्टम में बदलाव की जरूरत होगी।
इसके साथ ही, डाटा उल्लंघन की स्थिति में ग्राहकों को तुरंत सूचना देनी होगी। डाटा लोकलाइजेशन और तकनीकी बदलावों पर आने वाला खर्च भी कंपनियों के लिए चिंता का विषय है।
इन नियमों के तहत अंतरराष्ट्रीय कॉल और मैसेजिंग सेवाओं के डाटा ट्रांसफर पर भी रोक लगाई जा सकती है।