गो फर्स्ट को बड़ी राहत, NCLT ने स्वैच्छिक दिवालिया समाधान प्रक्रिया के आवेदन को किया स्वीकार
राष्ट्रीय कंपनी विधि अधिकरण (NCLT) ने बुधवार को स्वैच्छिक दिवालिया समाधान प्रक्रिया के लिए दाखिल गो फर्स्ट एयरलाइन के आवेदन को स्वीकार कर लिया। NCLT ने अपने आदेश में कहा कि अभिलाष लाल अंतरिम समाधान पेशेवर (IRP) के रूप में तत्काल प्रभाव से एयरलाइन का प्रबंधन संभालेंगे, वहीं गो फर्स्ट के निलंबित बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स IRP का सहयोग करेंगे। गौरतलब है कि गो फर्स्ट ने 2 मई को स्वैच्छिक दिवालिया समाधान प्रक्रिया के लिए आवेदन किया था।
NCLT ने अपने आदेश में क्या कहा?
NCLT के अध्यक्ष और मणिपुर हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रामलिंगम सुधाकर (रिटायर्ड) और एलएन गुप्ता की पीठ ने कहा कि समाधान होने तक IRP कर्ज में डूबी गो फर्स्ट एयरलाइन को चलाने की जिम्मेदारी संभालेंगे। NCLT ने कंपनी को एक संस्था के रूप में चालू रखने और किसी भी कर्मचारी की छंटनी नहीं करने का आदेश दिया है। अधिकरण ने गो फर्स्ट की संपत्ति को भी अधिस्थगन के संरक्षण में रखने का निर्देश दिया है।
एयरलाइन ने NCLT से की थी तत्काल आदेश पारित करने की मांग
बता दें कि आर्थिक संकट से जूझ रही गो फर्स्ट ने सोमवार को NCLT से उसकी दिवालिया याचिका पर तत्काल आदेश पारित करने मांग की थी। एयरलाइन ने कहा था कि कार्यवाही जारी होने के बावजूद लीजकर्ता विमान वापस लेने की मांग कर रहे हैं।
गो फर्स्ट ने 19 मई तक उड़ानों को किया रद्द
गो फर्स्ट ने बुधवार को ट्वीट कर बताया कि उसने 19 मई तक अपनी सभी उड़ानों को रद्द कर दिया है। वाडिया समूह के स्वामित्व वाली गो फर्स्ट ने कहा कि रद्द की गई उड़ानों के लिए यात्रियों को उनके भुगतान के मूल तरीके के जरिए पूरा रिफंड जारी किया जा रहा है। एयरलाइन ने आशा जताई कि जल्द ही दोबारा संचालन शुरू होगा। गो फर्स्ट ने इससे पहले 12 मई तक की अपनी सभी उड़ानों को रद्द किया था।
DGCA गो फर्स्ट के AOC को लेकर लेगा निर्णय
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने सोमवार को गो फर्स्ट को एक कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए 15 दिनों के अंदर जवाब दाखिल करने के लिए कहा था। गो फर्स्ट को यह नोटिस सेवाओं के संचालन को सुरक्षित, कुशल और विश्वसनीय तरीके से जारी रखने में विफल रहने के लिए जारी किया गया था। DGCA ने कहा था कि एयरलाइन के आधार पर उसके एयर ऑपरेटर्स सर्टिफिकेट (AOC) को जारी रखने के बारे में निर्णय लिया जाएगा।
क्या होती है स्वैच्छिक दिवालिया समाधान प्रक्रिया?
स्वैच्छिक दिवालिया समाधान प्रक्रिया में कंपनी खुद स्वीकार करती है कि वह दिवालिया हो चुकी है। इस प्रक्रिया के तहत कंपनी कहती है कि वह कर्ज का भुगतान नहीं कर सकती है और इसे सुलझाने के लिए किसी की मदद की जरूरत है। जब कंपनी दिवालिया हो जाती है तो यह स्वैच्छिक परिसमापन के लिए आगे बढ़ सकती है। इस प्रक्रिया में कंपनी के शेयरधारकों और लेनदारों की मंजूरी के बाद कंपनी का विघटन भी हो सकता है।
गो फर्स्ट ने क्यों लगाई अपने विमानों के परिचालन पर रोक?
गो फर्स्ट ने अपने बयान में कहा कि अमेरिका की प्रैट एंड व्हिटनी (P&W) इंटरनेशनल एयरो इंजन कंपनी द्वारा खराब इंजनों की आपूर्ति की बढ़ती संख्या के कारण उसे अचानक यह कदम उठाना पड़ा है। गो फर्स्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) कौशिक खोना ने कहा था कि कंपनी को काफी वित्तीय समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है और इसके चलते विमानों की सेवाओं को निलंबित कर दिया गया है।