ऑनलाइन गेमिंग पर 28 प्रतिशत GST का बिल पास, जानें अब तक क्या हुआ इसका असर
क्या है खबर?
लोकसभा में संसद के मानसून सत्र के दौरान गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) और इंटीग्रेटेड GST या IGST संशोधन बिल पास हो गया है।
इसके जरिए ऑनलाइन गेमिंग, कसीनो और हॉर्स रेसिंग पर 28 प्रतिशत GST लगाया जाएगा।
28 प्रतिशत GST पर गेमिंग इंडस्ट्री ने नाखुशी जाहिर करते हुए गेमिंग इंडस्ट्री को नुकसान पहुंचाने वाला फैसला बताया था। इस बिल के पारित होने से पहले ही इसका असर दिखना शुरू हो गया था।
आइये इस बारे में जानते हैं।
गेमिंग
कंपनियों और स्टार्टअप्स के सामने ये मुश्किलें
ऑनलाइन गेमिंग पर 28 प्रतिशत GST लगाए जाने के फैसले पर इंडस्ट्री से जुड़े लोगों और बाजार के जानकारों ने नौकरियों में छंटनी और गेमिंग स्टार्टअप्स के बंद होने की आशंका जताई थी।
नई दरें प्रभावी होने से पहले ही इसका प्रभाव दिखने लगा। कंपनियों ने छंटनी शुरू कर दी है और फंडिंग की समस्या झेल रही हैं।
कई छोटी कंपनियां या तो बंद हो रही हैं या फिर बड़े प्लेटफॉर्मों में शामिल होने के बारे में सोच रही हैं।
प्रभाव
नौकरियों से निकाले जा रहे हैं कर्मचारी
बेंगलुरू स्थित यूनिकॉर्न मोबाइल प्रीमियर लीग (MPL) ने अतिरिक्त टैक्स के बोझ का हवाला देते हुए 350 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है।
रश गेमिंग यूनिवर्स के मालिकाना हक वाली हाइक ने भी GST के प्रभाव की आशंका से 55 कर्मचारियों को बाहर कर दिया।
इसके साथ ही क्विजी जैसे छोटे गेमिंग स्टार्टअप ने शटडाउन की घोषणा कर दी है और कहा कि गेमिंग को अलविदा कहने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
निवेशक
निवेशकों ने बदली योजना
गेमिंग कंपनियों और स्टार्टअप में निवेश करने वाले वेंचर कैपिटल फर्में अभी तक जो पैसा गेमिंग कंपनियों में निवेश करना चाहती थीं, उन्होंने नई GST दर के बाद अपनी योजना बदल दी है।
अब वेंचर कैपिटल ऐसे क्षेत्र में निवेश करना चाह रही हैं, जहां GST का प्रभाव न पड़े।
रिपोर्ट के मुताबिक, बेंगलुरू स्थित एक निवेशक ने कहा कि कंपनियां गेमिंग इंडस्ट्री के राजस्व और मुनाफे में 30 से 50 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान है।
परिषद
GST परिषद की बैठक में लिया गया ये फैसला
GST परिषद ने पहले सकल गेमिंग राजस्व (GGR) पर GST लगाने के बजाय फुल फेस वैल्यू पर 28 प्रतिशत टैक्स लगाने का फैसला लिया था।
इसके बाद 2 अगस्त को GST परिषद की 51वीं बैठक में निकाय ने स्पष्ट किया कि टैक्स किसी खेल में भाग लेने के लिए खिलाड़ियों द्वारा जमा की गई राशि पर लागू होगा।
ऐसे में वे अपने जीते पैसे का उपयोग और खेलने के लिए करते हैं तो दोहरे टैक्स से बच सकेंगे।
वजह
खेलों के बीच के अंतर को खत्म करने के लिए बढ़ाई गई GST
GST परिषद द्वारा ऑनलाइन गेमिंग पर 28 प्रतिशत GST लगाने की सहमति जताते हुए कहा था कि गेम ऑफ स्किल (कौशल आधिरत खेल) और गेम ऑफ चांस (मौके के खेल) के बीच कोई अंतर नहीं होना चाहिए।
परिषद का मानना था कि इससे उस खामी को दूर किया जा सकेगा, जिसका फायदा उठाकर फैंटेसी खेल वाली कंपनियां अपने गेम को गेम ऑफ स्किल के रूप में उचित ठहराती हैं।
पहले गेमिंग कंपनियों पर 18 प्रतिशत GST लगती थी।