सरकार से ज्यादा हुआ प्राइवेट सेक्टर का वेतन बिल, रोजगार में पहले से ही है आगे
बीते कुछ दशकों में रोजगार देने के मामले में प्राइवेट सेक्टर आगे रहा है, लेकिन वेतन बिल हमेशा सरकार का ज्यादा रहा है। वित्त वर्ष 2023 में यह बदल गया और पहली बार प्राइवेट सेक्टर का वेतन बिल (30 लाख करोड़) सरकार के 28 लाख करोड़ रुपये के वेतन बिल को पार कर गया। इससे पता चलता है कि प्राइवेट सेक्टर में बीते दशक में मजबूत आर्थिक विकास के कारण नई नौकरियां जुड़ी हैं।
निजी क्षेत्र में है नौकरियां पैदा करने की गुंजाइश
ICICI सिक्योरिटीज के एक अध्ययन से पता चलता है कि निजी कॉर्पोरेट वेतन बिल वित्त वर्ष 2012 में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 9 प्रतिशत से बढ़कर वित्त वर्ष 2022 में 13 प्रतिशत हो गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, विकसित देशों में निजी क्षेत्र के वेतन बिल और GDP का अनुपात 45 प्रतिशत तक है, लेकिन भारत में यह मध्य अवस्था में है। इससे यह पता चलता है कि यहां निजी क्षेत्र में अधिक नौकरियां पैदा करने की गुंजाइश है।
प्राइवेट सेक्टर में रोजगार देने में आगे हैं IT कंपनियां
प्राइवेट सेक्टर में रोजगार देने के मामले में IT कंपनियां सबसे आगे हैं। लिस्टेड प्राइवेट कंपनियों के वेतन बिल में IT सेक्टर की हिस्सेदारी 42 प्रतिशत है। इस क्षेत्र में नियुक्ति या वेतन में कोई भी मंदी पूरे प्राइवेट सेक्टर पर असर डालेगी। ICICI सिक्योरिटीज के विश्लेषण के मुताबिक, वित्त वर्ष 2023 में लिस्टेड बैंक और IT फर्मों सहित प्राइवेट कॉर्पोरेट क्षेत्र का कुल वेतन बिल 17 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि के साथ 11.5 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया।
वित्त वर्ष 2023 में खोले गए 1.4 करोड़ नए EPF खाते
रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2023 में 1.4 करोड़ नए एंप्लॉई प्रोविडेंट फंड (EPF) खाते खोले गए हैं। प्राइवेट सेक्टर में रोजगार बढ़ना सरकार के खजाने के लिए अच्छी खबर है। इसके साथ अनौपचारिक क्षेत्रो में भी मजदूरी बढ़ी है। पीरियॉडिक लेबर वर्क फोर्स सर्वे (PLFS) के अनुसार, शहरी दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी की दैनिक मजदूरी वित्त वर्ष 2021 के दूसरी तिमाही में 385 रुपये/दिन थी, जो 2023 की पहली तिमाही में 464 रुपये/प्रतिदिन हो गई है।
प्राइवेट सेक्टर में वेतन वृद्धि रही अच्छी
प्राइवेट सेक्टर में भी वेतन वृद्धि अच्छी रही, जहां वित्त वर्ष 2021 के दूसरी तिमाही के 20,030 रुपये प्रति माह से वेतन बढ़कर वित्त वर्ष 2023 की पहली तिमाही में 21,647 रुपये हो गया है। यह वेतन वृद्धि शहरी भारत की है। वार्षिक PLFS सर्वे के अनुसार, वित्त वर्ष 2023 की पहली तिमाही में समाप्त होने वाली 18 महीने की अवधि के लिए ग्रामीण भारत में मासिक वेतन 14,700 रुपये पर स्थिर बना हुआ है।
ये सेक्टर देंगे ज्यादा रोजगार
रिपोर्ट के मुताबिक, लिस्टेड सेक्टर में सबसे बड़े नौकरी पैदा करने वालों में रियल एस्टेट, सर्विसेज, ऑटो जैसे सेक्टर में काम करने वाली कंपनियां होंगी। इसके विपरीत ग्रामीण भारत को लेकर जानकारों को लगातार मिश्रित संकेत मिल रहा है।