
भारत की विनिर्माण वृद्धि दर 14 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंची
क्या है खबर?
भारत के विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधि जून में 14 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। HSBC-S&P ग्लोबल द्वारा जारी विनिर्माण PMI जून में बढ़कर 58.4 हो गया, जो मई में 57.6 था। सर्वे में बताया गया कि उत्पादन, नए ऑर्डर और रोजगार में मजबूती आई है। यह आंकड़ा 50 से ऊपर होने का मतलब है कि कारोबार बढ़ रहा है। कंपनियों ने बाहरी ऑर्डर में भारी वृद्धि और इनपुट खरीद में इजाफा दर्ज किया।
तेजी
उत्पादन और निर्यात में आई अच्छी तेजी
सर्वे के अनुसार जून में उत्पादन की मात्रा अप्रैल के बाद सबसे तेज गति से बढ़ी। इस बढ़त का कारण अधिक बिक्री और मजबूत मांग बताया गया। खास बात यह रही कि नए ऑर्डर की मात्रा में भी तेज बढ़ोतरी हुई, जो करीब एक साल में सबसे अधिक रही। अंतरराष्ट्रीय मांग में मजबूती दिखी, जिससे निर्यात ऑर्डर बढ़े। इसके साथ ही, इनपुट की कीमतें कुछ कम हुईं और कंपनियों ने तैयार माल के स्टॉक में कटौती की।
GDP
भारत की GDP में अच्छी वृद्धि दर्ज
मार्च तिमाही में भारत की GDP वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत रही, जिससे पूरे साल की औसत 6.5 प्रतिशत पर पहुंची। यह बीते साल की 7.8 प्रतिशत की तुलना में कम है, लेकिन उत्पादन की मदद से यह बढ़त बनी रही। वित्त वर्ष 2025 में विनिर्माण उत्पादन 4.5 प्रतिशत बढ़कर 29.54 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया, लेकिन यह पहले की तुलना में धीमा रहा। सरकार ने FY26 में 6.3 प्रतिशत से 6.8 प्रतिशत GDP वृद्धि का अनुमान जताया है।
असर
पश्चिम एशिया तनाव और वैश्विक असर
विनिर्माण गतिविधि के साथ ही जून में पश्चिम एशिया में तनाव भी तेज हुआ। इजरायल और ईरान के बीच हमलों और जवाबी कार्रवाई ने वैश्विक कूटनीति को प्रभावित किया। अमेरिका की मध्यस्थता से युद्धविराम हुआ, लेकिन खतरे अभी भी बने हुए हैं। इससे दुनियाभर के बाजारों और कंपनियों में चिंता देखी गई। भारत जैसे उभरते देशों पर भी इसका असर पड़ा, क्योंकि वैश्विक व्यापार और आपूर्ति पर इन घटनाओं का सीधा प्रभाव पड़ता है।