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भारत-ब्रिटेन के बीच ऐतिहासिक व्यापार समझौते से क्या कुछ होगा सस्ता? 
भारत-ब्रिटेन के बीच व्यापार समझौते से बहुत सामान सस्ता होगा

भारत-ब्रिटेन के बीच ऐतिहासिक व्यापार समझौते से क्या कुछ होगा सस्ता? 

Jul 24, 2025
04:59 pm

क्या है खबर?

भारत और ब्रिटेन ने आज (24 जुलाई) एक ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते का उद्देश्य दोनों देशों के बीच व्यापार को दोगुना करना है। समझौते पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और ब्रिटिश मंत्री जोनाथन रेनॉल्ड्स ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर की मौजूदगी में हस्ताक्षर किए। यह समझौता भारतीय निर्यात को बढ़ावा देगा और व्यापार में नई संभावनाएं खोलेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने इसे भारत-ब्रिटेन रिश्तों का ऐतिहासिक दिन बताया।

सस्ता

ब्रिटेन में क्या कुछ होगा सस्ता?

इस समझौते के तहत भारत के 99 प्रतिशत निर्यात को टैरिफ से राहत मिलेगी। इससे ब्रिटेन में भारतीय कपड़ा, चमड़ा और इंजीनियरिंग उत्पादों की कीमतों में 10-15 प्रतिशत तक की गिरावट आ सकती है। खासतौर पर हस्तशिल्प और घरेलू सामान पर ब्रिटिश ग्राहक अब पहले से कम दाम देंगे। इससे भारतीय उत्पादों की मांग बढ़ेगी और निर्यातकों को लाभ मिलेगा। इससे छोटे और मध्यम स्तर के निर्यातकों को भी ब्रिटेन के बड़े बाजार में बेहतर अवसर मिलेंगे।

अन्य

भारत में क्या कुछ होगा सस्ता?

अब भारत में ब्रिटिश व्हिस्की पर शुल्क 150 प्रतिशत से घटकर 75 प्रतिशत रह जाएगा, जिससे इसकी कीमत 30-35 प्रतिशत तक घट सकती है। ब्रिटिश कारों पर टैक्स 100 प्रतिशत से गिरकर 40 प्रतिशत हो सकता है और इलेक्ट्रिक कारों पर यह 20 प्रतिशत तक सीमित रहेगा। चिकित्सा उपकरणों पर भी शुल्क में बड़ी कटौती होगी जिससे भारत में ये उत्पाद 25-30 प्रतिशत तक सस्ते हो सकते हैं। इससे उपभोक्ताओं को अच्छी गुणवत्ता के उत्पाद सस्ती दरों पर मिलेंगे।

सहयोग

अन्य क्षेत्रों में भी होगा सहयोग

इन दोनों देशों ने 'UK-भारत विजन 2035' की शुरुआत की है जिसमें रक्षा, जलवायु और शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ाया जाएगा। एक रक्षा औद्योगिक रोडमैप तैयार किया जाएगा, जिससे दोनों देशों की सेनाओं के बीच साझेदारी और गहरी होगी। अनुमान है कि इस समझौते से दोनों देशों के बीच सालाना व्यापार में 25.5 अरब पाउंड (करीब 3,000 अरब रुपये) की वृद्धि होगी। ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने इसे ब्रेग्जिट के बाद ब्रिटेन का सबसे बड़ा आर्थिक समझौता बताया है।