अपने ही शेयर खरीदने के आरोपों के बीच अडाणी समूह के शेयरों में भारी गिरावट
अडाणी समूह के शेयरों में आज भारी गिरावट देखने को मिली। इससे समूह के बाजार पूंजीकरण में 35,600 करोड़ रुपये से अधिक की गिरावट आई। इसका असर अडाणी एंटरप्राइजेज, अडाणी ग्रीन एनर्जी, अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन और अडाणी पावर आदि पर पड़ा है। हिंडनबर्ग के बाद अडाणी समूह को ये नया झटका ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (OCCRP) की एक रिपोर्ट के बाद लगा है। इसमें अडाणी समूह पर अपने ही शेयर खरीदने के आरोप लगे हैं।
आदानी एंटरप्राइजेस में 3.07 प्रतिशत की गिरकर
खबर लिखे जाने तक अडाणी एंटरप्राइजेस के शेयर 3.07 प्रतिशत गिरकर 2,435 रुपये तक पहुंच गए, वहीं अडाणी पोर्ट्स की गिरावट 3.04 प्रतिशत होकर 793.10 रुपये पर आ गई। अडाणी पावर 2.36 प्रतिशत की गिरावट के साथ 320.65 रुपये पर आ गया। अडाणी एनर्जी सॉल्यूशंस में 2.70 प्रतिशत की गिरावट आई है। अडाणी ग्रीन ने 3.46 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की। अडाणी विलमर, अडाणी टोटल गैस, ACC और NDTV में क्रमशः 2.2, 2.64, 1.73 और 1.96 प्रतिशत की गिरावट दिखी।
अडाणी समूह पर लगे ये आरोप
OCCRP रिपोर्ट के मुताबिक, समूह की कंपनियों ने 2013 से 2018 तक गुपचुप तरीके से अपने ही शेयरों को खरीदा। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि निवेशकों ने विदेशी कंपनियों के जरिए अडाणी समूह के शेयरों में लेन-देन किया। जिसमें 4 कंपनियों के जरिए ये लेन-देन मॉरीशस के रास्ते हुए और OCCRP ने इनसे जुड़े आंतरिक ईमेल को देखा है। हिंडनबर्ग रिसर्च में भी मॉरीशस के रास्ते लेन-देन की बात थी।
ऑफशोर तरीके से शेयरों के खरीद और बिक्री का आरोप
दुनिया के दिग्गज निवेशक जॉर्ज सोरोस द्वारा समर्थित खोजी रिपोर्टिंग प्लेटफॉर्म OCCRP ने कई टैक्स हेवन और अडाणी ग्रुप के आंतरिक ईमेल का हवाला देते हुए कहा कि जांच में कम से कम 2 मामले पाए गए जहां निवेशकों ने ऑफशोर तरीके से अडाणी शेयरों की खरीद और बिक्री की। अडाणी समूह ने OCCRP के दावों को पुराना मामला बताया और कहा कि मार्च में इसका अंत हो गया था जब सुप्रीम कोर्ट ने उसके पक्ष में फैसला सुनाया था।
रिपोर्ट में इन 2 निवेशकों के नाम आए सामने
OCCRP की रिपोर्ट में 2 निवेशकों नसीर अली शाबान अहली और चांग चुंग-लिंग का नाम लिया गया है। कहा गया है कि ये दोनों के अडाणी परिवार से लंबे समय से संबंध हैं। आरोप है कि अडाणी परिवार के एक सदस्य की कंपनी द्वारा इन दोनों को निवेश करने के लिए निर्देश दिए गए थे। यानी ये दोनों निवेशक अडाणी परिवार के साथ सामंजस्य करते हुए कंपनी में निवेश कर रहे थे।
अडाणी समूह ने आरोपों पर दी ये सफाई
अडाणी समूह ने आरोपों को सिरे से खारिज किया है और कहा कि विदेशी मीडिया का एक धड़ा जानबूझकर इसे हवा दे रहा है। कंपनी ने कहा कि ये दावे एक दशक पहले बंद हो चुके मामलों पर आधारित हैं। तब राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) ने ओवर इनवॉइसिंग, विदेशों में फंड ट्रांसफर और रिलेटेड पार्टी ट्रांजैक्शंस निवेश के आरोपों की जांच की थी। एक स्वतंत्र संस्था और अपीलीय न्यायाधिकरण ने कहा था कि ये लेन-देन गैरकानूनी नहीं है।
न्यूजबाइट्स प्लस
अमेरिका की हिंडनबर्ग रिसर्च ने इसी साल जनवरी में अपनी एक रिपोर्ट में अडाणी पर कार्पोरेट जगत की सबसे बड़ी धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया था। इस रिपोर्ट में अडाणी समूह पर मनी लॉन्ड्रिंग से लेकर शेयर की कीमत बढ़ा-चढ़ाकर बताने जैसे कई गंभीर आरोप थे। इसको लेकर काफी हंगामा हुआ था और रिपोर्ट सामने आने के बाद उस समय भी अडाणी समूह की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट हुई थी और निवेशकों के करोड़ों रुपये डूब गए थे।