कार टिप्स: अपनी गाड़ी के लिए लेना चाहते हैं VIP नंबर तो ऐसे करें अप्लाई
क्या है खबर?
किसी भी वाहन को चलाने के लिए नंबर प्लेट का होना बहुत जरूरी है। बिना इसके गाड़ी चलाने पर आपको जुर्माना लग सकता है।
कई लोग अपने वाहन के लिए VIP नंबर लेना चाहते हैं, लेकिन ऐसे कम ही नंबर उपलब्ध होते हैं और उसे लेने वालों की संख्या अधिक होती है।
अगर आप गाड़ी के लिए VIP नंबर लेना चाहते हैं तो यहां से उसकी पूरी प्रक्रिया जान सकते हैं।
आवेदन
सबसे पहले आधिकारिक वेबसाइट पर करें आवेदन
VIP नंबर लेने के लिए सबसे आपको सबसे पहले सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना है। अब होम पेज पर जाकर ऑनलाइन मैन्यू में जाकर फैंसी नंबर के लिए दिए जा रहे ऑप्शन पर टैप करें।
इसके बाद यहां पर न्यू पब्लिक यूजर पर जाकर नई यूजर आईडी बनाएं। इसके लिए आपको मांगा गया विवरण दर्ज करने होगा। यहां लॉग इन करने के बाद एक नया पेज खुलकर आपके सामने आएगा।
कार्यालय
नजदीकी क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय का करें चुनाव
इसके बाद आपको नंबर सेक्शन पर टैप कर अपने नजदीकी क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (RTO) ऑफिस को चयन करना होगा। उसके बाद व्हीकल कैटेगरी को सिलेक्ट करना होगा।
फिर आपके सामने फैंसी नंबरों की लिस्ट सामने आ जाएगी और नंबरों के सामने उनकी कीमत भी लिखी होगी। अब कंटिन्यू टू रजिस्टर पर टैप करें। इतना करने के बाद एक फॉर्म सामने आएगा। उसे भरें। अब नंबर आपके नाम पर रजिस्टर हो जाएगा।
कीमत
जैसा नंबर वैसी होती है कीमत
कार या बाइक का नंबर जितना फैंसी होता है, उसकी कीमत उतनी ज्यादा होती है। VIP नंबर्स की कीमत 2,000 रुपये से कई लाख रुपये तक हो सकती है।
सभी राज्यों के VIP नंबर्स की कीमत अलग-अलग होती है। वहीं अगर एक नंबर के लिए ज्यादा लोगों ने अप्लाई किया है तो इसकी कीमत थोड़ी अधिक हो सकती है। ऐसी स्थिति में कई बार VIP नंबर की नीलामी भी होती है।
जानकारी
भारत में सबसे महंगा नंबर प्लेट
आपको बता दें कि अहमदाबाद के आशिफ पटेल ने अपनी 51 लाख रुपये की टोयोटा फॉर्चूनर के लिए '007' न,नंबर प्लेट खरीदने के लिए 34 लाख रुपये खर्च कर डाले थे। यह आज भी भारत का सबसे महंगा नंबर प्लेट है।
नियम
नंबर प्लेट को लेकर क्या है नियम?
केंद्रीय मोटर वाहन नियम (CMVR) के अनुसार, नंबर प्लेट पर अरेबिक नंबरों के साथ केवल अंग्रेजी के कैपिटल लेटर ही लिखे होने चाहिए। नंबर प्लेट पर रजिस्ट्रेशन नंबर के अलावा कुछ भी लिखना गैरकानूनी है।
वहीं प्लेट पर लिखे जाने वाले अक्षर की ऊंचाई 65 मिलीमीटर और मोटाई 10 मिलीमीटर होनी चाहिए। साथ ही अक्षरों और नंबरों के बीच 10 मिलीमीटर की दूरी होनी चाहिए।
हालांकि, यह नियम दो और तीन पाहिया वाहनों के लिए नहीं है।
न्यूजबाइट्स प्लस
भारत में कितने रंगों की होती हैं नंबर प्लेट?
अलग-अलग कारों पर अलग-अलग रंग की नंबर प्लेट नजर आती हैं।
व्यक्तिगत रूप से इस्तेमाल की जाने वाली ज्यादातर गाड़ियों पर सफेद रंग की नंबर प्लेट लगी होती है।
लाल रंग की नंबर प्लेट RTO द्वारा किसी भी कंपनी के नए वाहन को एक तत्कालिक नंबर प्लेट के तौर पर दी जाती है।
कमर्शियल वाहन के लिए पीले रंग की प्लेट का उपयोग होता है।
वहीं विदेशी राजनयिकों की गाड़ियों पर नीले रंग की नंबर प्लेट होता है।