2035 तक इलेक्ट्रिक वाहनों से बढ़ेगी बिजली की खपत, रिपोर्ट में किया यह दावा
इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) बढ़ावा मिलने के साथ अब इनकी चार्जिंग के लिए बिजली उत्पादन की चुनौती सामने आएगी। आने वाले वर्षों में बिजली का अधिकांश हिस्सा इनमें खर्च होगा। निवेश प्रबंधन फर्म IKIGAI एसेट मैनेजर होल्डिंग्स ने इसको लेकर रिपोर्ट में दावा किया है। इसके अनुसार, 2035 तक भारत की कुल बिजली खपत में EVs का हिस्सा 6 से 8.7 प्रतिशत तक पहुंचने की उम्मीद है। यह EVs के बढ़ते उपयोग और पावर ग्रिड पर उनके प्रभाव को दर्शाता है।
वैश्विक स्तर पर भी बढ़ेगी बिजली की खपत
रिपोर्ट में बताया है कि वैश्विक स्तर पर EV को अपनाने में इजाफा देखा जा रहा है। पिछले साल दुनियाभर में कुल कार बिक्री में इलेक्ट्रिक कारों की हिस्सेदारी 18 प्रतिशत रही थी। EV के उपयोग में वृद्धि का वैश्विक बिजली खपत पर भी महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ने की उम्मीद है। अनुमान लगाया है कि EV की बढ़ती पहुंच के साथ वैश्विक बिजली खपत में उनकी हिस्सेदारी 2023 की 0.5 प्रतिशत से बढ़कर 2035 तक 8.1-9.8 प्रतिशत के बीच हो जाएगी।
बिजली की जरूरतों को पूरा करने के लिए करनी होगी तैयारी
इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग में यह वृद्धि इस तरफ इशारा करती है कि भारत जैसे देशों को अपनी बढ़ती बिजली की मांग पूरी के लिए अपने बुनियादी ढांचे को तैयार करने की जरूरत है। जैसे-जैसे लोग इलेक्ट्रिक वाहन अपनाएंगे वैसे-वैसे बिजली की जरूरतों को पूरा करने के लिए क्षमता का विस्तार करने की आवश्यकता होगी। आने वाले दशक में इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग के लिए पर्याप्त बिजली की जरूरत के साथ अन्य वैकल्पिक तरीके भी इजाद करने होंगे।
इस कारण भी बिजली खपत में होगा इजाफा
रिपोर्ट भारत के लिए कूलिंग डिवाइस की बढ़ती मांग जैसे एक और गंभीर मामले को उजागर किया गया है। देशभर में तापमान के लगातार बढ़ने के साथ कूलिंग डिवाइसों की मांग में तेजी से वृद्धि होने की उम्मीद है। रिपोर्ट में बताया गया है कि गर्मी में वृद्धि के कारण 2030 तक भारत में एयर कंडीशनर (AC) की मांग दोगुनी होने का अनुमान है। इससे देश में कुल बिजली खपत में वृद्धि होगी।