#NewsBytesExplainer: ट्रंप के साथ बहस से जेलेंस्की और यूक्रेन को क्या-क्या नुकसान हो सकता है?
क्या है खबर?
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की के बीच बीते दिन व्हाइट हाउस में हुई बहस ने पूरी दुनिया को स्तब्ध कर दिया है।
जेलेंस्की खनिज समझौते पर चर्चा करने अमेरिका गए थे, लेकिन बहस के बाद अमेरिका-यूक्रेन के रिश्तों पर ही खतरा मंडराने लगा है। चर्चाएं हैं कि इस घटनाक्रम के बाद अमेरिका-यूक्रेन के रिश्ते खराब हो सकते हैं।
आइए जानते हैं कि इससे जेलेंस्की को क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं।
बहस
सबसे पहले जानिए क्या हुआ था?
ट्रंप और जेलेंस्की के बीच बातचीत की शुरुआत सामान्य हुई थी।
हालांकि, यह तब बहस में बदल गई, जब अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस बीच में आ गए।
वेंस ने जेलेंस्की से कहा, "आपका रवैया बहुत असम्मानजनक है। ये सही कूटनीति नहीं है। आपको जंग रोकने के लिए राष्ट्रपति ट्रंप को शुक्रिया कहना चाहिए।"
इस का जेलेंस्की ने जवाब दिया, लेकिन बीच में ट्रंप ने झल्लाते हुए कहा, "हमें मत बताइए कि हमें क्या महसूस करना चाहिए।"
व्हाइट हाउस
बहस के बाद जेलेंस्की ने जल्दी व्हाइट हाउस छोड़ा
जेलेंस्की-ट्रंप के बीच करीब 40 मिनट की बातचीत के दौरान खूब हंगामा हुआ। बातचीत एक तरह से बहस में बदल गई।
इसके बाद ट्रंप ने जेलेंस्की से व्हाइट हाउस छोड़ने का कहा। दोनों नेताओं की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस और बैठक के बाद होने वाला भोज भी रद्द कर दिया गया।
इसके कुछ देर बाद ही ट्रंप ने सोशल मीडिया पर लिखा कि जेलेंस्की जब शांति के लिए तैयार हों, तब वापस आ सकते हैं।
मायने
बहस के यूक्रेन के लिए क्या मायने हैं?
विशेषज्ञों का मानना है कि ये घटनाक्रम युद्धग्रस्त यूक्रेन के लिए अच्छी खबर नहीं है।
ABC न्यूज ने कहा, "जेलेंस्की और यूक्रेन अब ट्रंप या अमेरिका पर निर्भर नहीं रह सकते। अमेरिका द्वारा समर्थन वापस लेने की संभावना से पैदा होने वाली कमियों को दूर करने के लिए उन्हें यूरोप पर निर्भर रहना होगा। यूक्रेन के लिए अमेरिका के नेतृत्व वाले NATO गठबंधन में शामिल होने का कोई भी मौका हमेशा के लिए खत्म हो गया है।"
निर्भरता
यूरोप पर बढ़ेगी यूक्रेन की निर्भरता
बहस के फौरन बाद कई यूरोपीय देशों के नेताओं ने जेलेंस्की का समर्थन किया है।
यूरोप सेंटर में नॉनरेजिडेंट सीनियर फेलो राहेल रिजो ने अटलांटिक काउंसिल थिंक टैंक से कहा, "अब समय आ गया है कि हम देखें कि यूरोप के पास क्या है। क्या वे सार्थक तरीके से आगे बढ़ पाएंगे, यूक्रेन को दीर्घकालिक सुरक्षा गारंटी प्रदान कर पाएंगे और स्थायी शांति सुनिश्चित करने में मदद करने के लिए जमीन पर सैनिकों को तैनात करने के लिए तैयार होंगे?"
इस्तीफा
क्या जेलेंस्की को देना होगा इस्तीफा?
फॉक्स न्यूज ने जब जेलेंस्की से पूछा कि क्या वे ट्रंप के साथ विवाद के बाद इस्तीफा देने पर विचार करेंगे तो ज़ेलेंस्की ने कहा, "नहीं। यह निर्णय केवल यूक्रेन के लोगों द्वारा ही लिया जा सकता है।"
वहीं, दक्षिण कैरोलिना से अमेरिकी सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने कहा, "जेलेंस्की को या तो इस्तीफा दे देना चाहिए या किसी ऐसे व्यक्ति को भेजना चाहिए, जिसके साथ हम व्यापार कर सकें। उन्हें बदलाव करना चाहिए।"
आगे
आगे क्या हो सकता है?
न्यूयॉर्क के सिटी कॉलेज में प्रोफेसर एमेरिटस राजन मेनन ने द गार्जियन के एक लेख में लिखा, "जेलेंस्की के लिए इस पराजय से वापस आना संभव नहीं है। ट्रंप में द्वेष है, वे अपमान को नहीं भूलते और कभी माफ नहीं करते।"
कई रिपब्लिकन नेता जेलेंस्की को माफी मांगने या परिणाम भुगतने की चेतावनी दे चुके हैं।
ऐसे में तय है कि आने वाले वक्त में यूक्रेन को लेकर अमेरिका कुछ बड़े फैसले ले सकते हैं।