
अमेरिका: बाल्टीमोर पुल हादसे में भारतीय चालक दल को हीरो क्यों बताया गया?
क्या है खबर?
अमेरिका के बाल्टीमोर में एक जहाज के टकराने से 'फ्रांसिस स्कॉट की' पुल का बड़ा हिस्सा ढह गया था। इस हादसे में 6 लोगों के मरने की आशंका जताई जा रही है, जो पुल पर ही काम कर रहे थे।
लापता लोगों को बचाने का अभियान बंद कर दिया है। अधिकारियों का मानना है कि पानी की ठंडक और बहाव को देखते हुए लापता लोगों के बचने की उम्मीद कम है।
चालक दल
चालक दल के सभी 22 भारतीय सुरक्षित
जिस जहाज से ये हादसा हुआ है, उसका नाम डाली है, जो बाल्टीमोर से श्रीलंका की राजधानी कोलंबो जा रहा था। जहाज के चालक दल के सभी 22 सदस्य भारतीय थे और सभी सुरक्षित हैं।
बचावकर्मियों ने 2 लोगों को पानी से बाहर निकाला है, जिसमें से एक की हालत गंभीर है। अधिकारियों ने कहा कि घटना के किसी तरह से आतंकवाद से जुड़े होने का कोई सबूत नहीं है।
हादसा
क्यों हुआ हादसा?
हादसे की प्राथमिक वजह जहाज का इंजन फेल होने, स्टीयरिंग खराब होने या बिजली आपूर्ति ठप होने के माना जा रहा है।
मैरीलैंड के गवर्नर वेस मूर ने कहा कि पुल की ओर बढ़ते हुए जहाज की गति में अचानक से तेजी आने लगी थी। हालांकि, मरीन ट्रैफिक डाटा के अनुसार, जहाज अपने पूर्व निर्धारित रास्ते से भटक गया और उसकी गति भी कम होने लगी। इसके बाद जहाज की लाइट बंद हो गई और धुंआ निकलने लगा।
गवर्नर
गवर्नर बोले- जहाज के चालक दल हीरो हैं
हादसे को लेकर मैरीलैंड गवर्नर मूर ने कहा, "चालक दल से सभी सदस्य हीरो हैं। उन्होंने कल रात सैकड़ों लोगों की जान बचाई है, क्योंकि जहाज 14 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ रहा था। जहाज के खंभे से टकराने से पहले ही चालक दल द्वारा चेतावनी संदेश जारी किया गया था। इससे यातायात को पहले ही रोक लिया गया और कई लोगों की जान बचा ली गई।"
स्पष्टीकरण
चालक दल से मांगा गया स्पष्टीकरण
सिंगापुर में पंजीकृत इस जहाज को ग्रीस की कंपनी ओशनबल्क के लिए दक्षिण कोरिया में बनाया गया था। फिलहाल इसका संचालन सिनर्जी ग्रुप कर रहा था।
कंपनी ने एक बयान में कहा, "जहाज के मालिकों और प्रबंधकों ने बताया कि जहाज स्थानीय समयानुसार रात लगभग 01:30 बजे बाल्टीमोर के 'फ्रांसिस स्कॉट की ब्रिज' के एक खंभे से टकरा गया। चालक दल के सभी सदस्यों से स्पष्टीकरण मांगा गया है और किसी के घायल होने की कोई सूचना नहीं है।"
बाइडन
बाइडन बोले- यह एक भयानक दुर्घटना
घटना पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा, "कोई अन्य संकेत या विश्वास करने का कारण नहीं है कि घटना जानबूझकर की गई थी। अब तक की हर चीज से संकेत मिलता है कि यह एक भयानक दुर्घटना थी। मैं जितनी जल्दी हो सके, बाल्टीमोर जाने की तैयारी कर रहा हूं। मेरा मानना है कि संघीय सरकार पुल को दोबारा बनाने में लगने वाली राशि का भुगतान करेगी और कांग्रेस मेरे प्रयास का समर्थन करेगी।"
प्लस
न्यूजबाइट्स प्लस
बाल्टीमोर पुल का नाम अमेरिकी कवि फ्रांसिस स्कॉट की के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने अमेरिका का राष्ट्रगान लिखा है। 8,636 फीट लंबे और करीब 85 फीट ऊंचे इस पुल को साल 1977 में आम जनता के लिए खोला गया था।
4 लेन के इस पुल से रोजाना करीब 30,000 कारें गुजरती हैं। ये पुल पटाप्सको नदी के दूसरे छोर को बाल्टीमोर बंदरगाह से जोड़ता है, जो यहां समुद्र में मिलती है।