भारतीय मूल की अनीता आनंद कनाडा के प्रधानमंत्री पद की दौड़ से हुईं बाहर
क्या है खबर?
कनाडा में जस्टिन ट्रूडो के प्रधानमंत्री और लिबरल पार्टी के नेता के पद से इस्तीफा देने के बाद भारतीय मूल की परिवहन मंत्री अनीता आनंद को प्रधानमंत्री पद का प्रमुख उम्मीदवार माना जा रहा था।
हालांकि, अब अनीता ने खुद को इस दौड़ से बाहर कर लिया है। उन्होंने रविवार को एक्स पर इसकी घोषणा की है।
अब भारतीय मूल के सांसद चंद्र आर्य का दावा और मजबूत हो गया है। उन्होंने शुक्रवार को चुनाव लड़ने का ऐलान किया था।
ऐलान
अनीता ने क्या किया ऐलान?
अनीता ने एक्स पर एक पत्र में लिखा है, 'आज मैं घोषणा कर रही हूं कि मैं कनाडा की लिबरल पार्टी की अगली नेता बनने की दौड़ में शामिल नहीं होऊंगी और ओकविले के लिए संसद सदस्य के रूप में फिर से चुनाव नहीं लड़ूंगी।'
उन्होंने आगे लिखा, 'मैने शिक्षण, अनुसंधान और सार्वजनिक नीति विश्लेषण के अपने पूर्व पेशेवर जीवन में दोबारा लौटने का निर्णय लिया है। ऐसे में मैं खुद को इस दौड़ से बाहर कर रही हूं।'
परिचय
कौन है अनीता आनंद?
58 वर्षीय अनीता आनंद वर्तमान में कनाडा की परिवहन मंत्री हैं। उनका जन्म 1967 में कनाडा के नोवा स्कोटिया में हुआ था।
उनके पिता तमिलनाडु और मां पंजाब से थी, जो 60 के दशक में नाइजीरिया से कनाडा चले गए थे।
अनीता टोरंटो विश्वविद्यालय में कानून की प्रोफेसर, मैसी कॉलेज के गवर्निंग बोर्ड की सदस्य और रोटमैन स्कूल ऑफ मैनेजमेंट के कैपिटल मार्केट्स इंस्टीट्यूट में नीति और अनुसंधान की निदेशक के रूप में भी काम कर चुकी हैं।
राजनीति
कैसा रहा अनीता का राजनीतिक सफर?
अनीता राजनीति में आने के बाद पहली बार 2019 में ओकविले के लिए संसद सदस्य चुनी गई थीं।
उन्होंने 2019 से 2021 तक सार्वजनिक सेवा और खरीद मंत्री, ट्रेजरी बोर्ड की अध्यक्ष और राष्ट्रीय रक्षा मंत्री के रूप में काम किया है।
खरीद मंत्री के रूप में उन्होंने कोरोना वायरस महामारी के दौरान वैक्सीन खरीद, व्यक्तिगत सुरक्षात्मक उपकरण और त्वरित परीक्षण सुरक्षित करने के लिए अनुबंध वार्ता का नेतृत्व किया था। उनके कार्य की काफी प्रशंसा हुई थी।
नेतृत्व
लिबरल पार्टी का नेतृत्व चुनाव और आगे की चुनौतियां
ट्रूडो की लोकप्रियता में भाई गिरावट आई है, जिसके कारण उन्होंने 9 मार्च तक नए लिबरल नेता के निर्वाचित होने के बाद इस्तीफा देने का निर्णय लिया है।
पार्टी को विपक्षी दलों से अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ सकता है, जिससे अक्टूबर से पहले चुनाव हो सकते हैं।
सर्वेक्षण के अनुसार कंजर्वेटिव पार्टी को लिबरल्स पर 27 प्रतिशत की बढ़त है। विदेश मंत्री मेलानी जोली और वित्त मंत्री डोमिनिक लेब्लांक ने भी खुद को दौड़ से बाहर कर लिया।