बिहार पुलिसकर्मियों का शपथ पत्र वायरल; छठी मैया की क़सम खाओ, तभी मिलेगी छुट्टी
क्या है खबर?
छुट्टी पाने के लिए लोग तरह-तरह के बहाने बनाते हैं। कई बार बहाने काम कर जाते हैं, लेकिन कई बार बहानों का कोई असर नहीं होता है।
बॉस भी छुट्टी न देने के कई बहाने बनाते हैं और कई नए नियम बताते हैं।
हाल ही में बिहार में छुट्टी देने के लिए पुलिस विभाग का एक शपथ पत्र वायरल हो रहा है जिसमे कहा गया है कि उसी पुलिसकर्मी को छुट्टी मिलेगी, जो छठी मैया की क़सम खाएगा।
बहाना
छठ व्रत का बहाना बनाकर माँगते हैं छुट्टी
पूर्वी भारत का चार दिवसीय छठ पर्व आज से शुरू हो गया है। यह पर्व वैसे तो पूरे देश में मनाया जाता है, लेकिन बिहार में इसका अपना अलग महत्व है।
वहाँ लगभग हर घर में लोग छठी मैया की पूजा करते हैं। ऐसे में वहाँ के लोगों के लिए छठी मैया का महत्व कहीं ज़्यादा है।
इस वजह से पुलिसकर्मी छठ व्रत का बहाना बनाकर छुट्टी माँगते हैं। इसे ध्यान में रखकर ही यह अजीबो-गरीब नियम बनाया गया है।
आलोचना
कई लोग कर रहे हैं इसकी आलोचना
ख़बरों के अनुसार, समस्तीपुर ज़िले के पुलिसकर्मी व्रत के बहाने से छुट्टी माँगने में आगे हैं। इससे वहाँ के पुलिस अधिकारी परेशान हैं।
उनका मानना है कि अगर एक साथ कई पुलिसकर्मी छुट्टी पर चले जाएँगे, तो त्योहार के समय प्रदेश में कानून व्यवस्था बनाए रखना कठिन हो जाएगा।
इससे निपटने के लिए अधिकारियों ने यह अनोखा तरीक़ा खोज निकाला है। कई लोग इसकी आलोचना कर रहे हैं, तो कई लोग इसके बारे में जानकर हैरान हो गए हैं।
प्रक्रिया
जवानों से करवा रहे हैं शपथ पत्र पर साइन
यह बात अधिकारी अच्छे से जानते हैं कि जो जवान छठी मैया का व्रत रखेगा, वह उनकी झूठी क़सम नहीं खाएगा।
ऐसे में अधिकारियों ने केवल उन्ही जवानों को छुट्टी देने का फ़ैसल किया है, जो सच में व्रत रखेंगे।
इसके लिए अधिकारी छुट्टी लेने वाले जवान से एक शपथ पत्र पर साइन करवा रहे हैं। इसमें पुलिसकर्मियों को छठी मैया की क़सम के साथ बताना होगा कि वो कितने सालों से यह व्रत कर रहे हैं।
जानकारी
छुट्टी लेने से रोकने के लिए निकाली गई है यह तरकीब
पुलिस विभाग का कहना है कि कई पुलिसकर्मी छठ व्रत रखने का बहाना बनाकर छुट्टी लेते हैं। ऐसे में उन्हें छुट्टी लेने से रोकने के लिए यह तरकीब निकाली गई है। हालाँकि, इसका असर होता है या नहीं, यह तो बाद में पता चलेगा।
बयान
मैं छठ के लिए झूठ क्यों बोलूँगा- जवान
जब से बिहार पुलिस विभाग के अधिकारियों ने यह नियम निकाला है, तब से लोग इस फ़ैसले की आलोचना कर रहे हैं।
छुट्टी के लिए यह एफ़िडेविट देने वाले एक जवान ने कहा, "मैं छठ के लिए झूठ क्यों बोलूँगा। मैं पिछले 40 साल से छठ कर रहा हूँ। इससे पहले छुट्टी के लिए कभी ऐसा शपथ पत्र मुझे नहीं दिया गया।"
उन्होंने आगे कहा, "मैंने शपथ पत्र पर साइन कर दिए हैं, क्योंकि मैं झूठ नहीं बोल रहा हूँ।"
फ़ेक न्यूज?
मामले की जाँच के आदेश
दूसरी तरफ बिहार पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय सिंह ने कहा कि समस्तीपुर में 400 से अधिक पुलिसकर्मी हैं, जिनमें से केवल 10% को ही छुट्टी की आवश्यकता हो सकती है।
उन्होंने यह भी कहा कि यदि ऐसे शपथ पत्र भरवाए जा रहे हैं, तो इस तरह का अपमान नहीं होना चाहिए।
सिंह ने कहा कि वह इस संबंध में मुख्यालय के शीर्ष अधिकारियों से बात करेंगे।
फ़िलहाल मामले में जाँच के आदेश दे दिए गए हैं।
जाँच
सरकारी स्तर पर नहीं दिए गए हैं ऐसे कोई निर्देश- पुलिस अधीक्षक
वहीं, इस मामले पर समस्तीपुर पुलिस अधीक्षक का कहना है कि सरकारी स्तर पर ऐसे शपथ पत्र भरवाने के कोई निर्देश नहीं दिए गए हैं। ऐसे में शपथ पत्र कैसे लिया जा सकता है।
अगर ऐसे फ़ॉर्म भरे या भरवाए जा रहे हैं, तो इस बाबत कार्यवाई की जाएगी।
उन्होंने आगे कहा कि मुख्यालय द्वारा सभी पुलिसकर्मियों की छुट्टी रद्द किए जाने पर किसी प्रकार के दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर करवाकर छुट्टी दिए जाने का सवाल ही नहीं उठता है।