कैलिफोर्निया की रहस्यमयी घाटी जहां अपने आप पत्थर खिसकते हैं, जानें हैरान कर देने वाला सच
आज विज्ञान ने भले ही अपनी रिसर्च से कितनी भी अनसुलझी पहेलियों को सुलझा लिया हो, लेकिन आज तक वैज्ञानिक पूर्वी कैलिफोर्निया की एक घाटी का रहस्य नहीं जान पाएं है, जिसे 'मौत की घाटी' भी कहा जाता है। आपको बता दें कि यह घाटी उत्तरी अमेरिका के रेगिस्तान में स्थित है और यह सबसे गर्म व सूखी जगह है। इस मौत की घाटी (डेथ वैली) में अपने आप पत्थर खिसकते हैं। आइए जानें
जानें कैसे पड़ा 'डेथ वैली' नाम
सन् 1849 में इस घाटी का नाम अंग्रेजी में 'गोल्ड रश' के कारण पड़ा। कहा जाता है कि सोने की खदानों तक पहुंचने के लिए इस घाटी को पार करने वाले लोगों ने इसका नाम 'डेथ वैली' रखा था। हालांकि, अभी तक इस घाटी में कुछ ही व्यक्तियों की मौत के बारे में पता चला है। शायद उनकी मृत्यु इसलिए हुई, क्योंकि इस रेगिस्तान की घाटी पर पत्थर अपना रास्ता खूद ही बना लेते हैं।
वैज्ञानिकों की टीम ने सात साल तक किया अध्ययन
1972 में घाटी की पहेली को सुलझाने के लिए वैज्ञानिकों ने एक टीम बनाई गई। उनकी टीम ने सात साल तक अध्ययन किया। अध्ययन आसान हो इसलिए टीम ने कुछ पत्थरों का नाम भी रख दिया था। वैज्ञानिकों ने पाया कि केरीन नाम का पत्थर, जो कि 317 किलोग्राम का था, वो उनके अध्ययन के दौरान नहीं हिला था। लेकिन जब वो कुछ साल बाद वहां फिर से गए तो उन्हें वो पत्थर अपनी जगह से एक किलोमीटर दूर मिला।
स्पेन ने भी की रहस्य जानने की कोशिश
स्पेन के भू वैज्ञानिकों ने एक टीम बनाकर इस रहस्य को जानने के लिए रिसर्च की थी। वैज्ञानिकों का अपनी रिसर्च से यह मानना है कि डेथ वैली की मिट्टी में माइक्रोब्स मौजूद हैं। आपको बता दें कि माइक्रोब्स एक तरह का शैवाल हैं, जिससे झील के तल पर चिकनापन या फिर गैस उत्पन्न होती है। यही कारण है कि वहाँ पत्थर अपने आप खिसकते हैं। लेकिन वे पूरी तरह से सच्चाई का पता नहीं लगा पाए।
क्या वैज्ञानिकों ने डेथ वैली का रहस्य सुलझाया?
तमाम देशों के वैज्ञानिकों की कोशिशों के बाद भी पत्थरों के रहस्य का पता नहीं चल पाया है। लेकिन वैज्ञानिकों ने बताया हैं कि यह पत्थर खुद ही खिसकते हैं। इन्हें कोई व्यक्ति या जानवर नहीं खिसकाता है। क्योंकि वहाँ किसी भी व्यक्ति या जानवर के कोई निशान नहीं मिले हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि ऐसा शायद भौगोलिक बदलाव व तूफ़ान के कारण होता होगा। खैर इस रहस्य का अभी तक कुछ पता नहीं चला है।