विजय हजारे ट्रॉफी में अपने प्रदर्शन से सबसे ज़्यादा प्रभावित करने वाले युवा खिलाड़ी
कर्नाटक ने बेंगलुरु में खेले गए विजय हजारे ट्रॉफी के फाइनल में तमिलनाडु को VJD नियम की मदद से हराते हुए खिताब पर अपना कब्जा जमा लिया। इस बार के विजय हजारे ट्रॉफी में कई शानदार प्रदर्शन देखने को मिले और लगातार कई खिलाड़ियों ने प्रभावित किया। भले ही फाइनल में कर्नाटक और तमिलनाडु की टीमें पहुंची, लेकिन अन्य टीमों के खिलाड़ियों ने भी अपना प्रभाव डाला। एक नजर विजय हजारे ट्रॉफी 2019 में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों पर।
टूर्नामेंट के इतिहास का सर्वोच्च स्कोर बनाने वाला खिलाड़ी
संजू सैमसन घरेलू क्रिकेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। दक्षिण अफ्रीका ए के खिलाफ प्रभावित करने के बाद उन्होंने विजय हजारे ट्रॉफी में कमाल का प्रदर्शन किया। 58.57 की औसत के साथ सैमसन ने विजय हजारे ट्रॉफी में 410 रन बनाए और लंबे समय बाद भारतीय टी-20 टीम में वापसी की। गोवा के खिलाफ 212 रनों की पारी खेलकर संजू ने विजय हजारे ट्रॉफी का सर्वोच्च व्यक्तिगत स्कोर का रिकॉर्ड अपने नाम किया था।
टूर्नामेंट में सबसे ज़्यादा रन बनाने वाला युवा बल्लेबाज
19 वर्षीय देवदत्त पड़िकल ने इसी विजय हजारे ट्रॉफी में कर्नाटक के लिए अपना लिस्ट-ए डेब्यू किया है। 11 मैचों में लगभग 68 की औसत के साथ पड़िकल ने विजय हजारे ट्रॉफी में सबसे ज़्यादा 609 रन बनाए। सौराष्ट्र और गोवा के खिलाफ इस युवा बल्लेबाज ने लगातार शतक लगाए थे। पिछले साल अंडर-19 विश्व कप में बेहतरीन खेल दिखाने वाले पड़िकल ने कर्नाटक प्रीमियर लीग में भी प्रभावित किया था।
तमिलनाडु को फाइनल तक ले जाने वाला खिलाड़ी
तमिलनाडु के लिए खेलने वाले बल्लेबाजी ऑलराउंडर बाबा अपराजित ने नंबर-3 पर बल्लेबाजी करते हुए काफी सफलता हासिल की। बाबा ने 12 मैचों में 66 से ज़्यादा की औसत के साथ 598 रन बनाए और चौथे सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे। उन्होंने टूर्नामेंट में छह अर्धशतक और एक शतक लगाया। टूर्नामेंट में उनका बेस्ट रेलवे के खिलाफ आया जहां नाबाद 111 रन बनाने के अलावा उन्होंने चार विकेट भी चटकाए।
केवल छह पारियों में ही प्रभावित कर देने वाले युुवा बल्लेबाज
मुंबई के लिए विजय हजारे ट्रॉफी में ही लिस्ट-ए डेब्यू करने वाले 17 वर्षीय ओपनर बल्लेबाज यशस्वी जयसवाल ने मात्र छह पारियों में सबको प्रभावित कर दिया। यशस्वी ने एक दोहरे शतक और शतक की बदौलत मात्र छह पारियों में ही 564 रन बना डाले। वह लिस्ट-ए क्रिकेट में सबसे कम उम्र में दोहरा शतक लगाने वाले बल्लेबाज हैं। यदि उन्होंने और मुकाबले खेले होते तो यह आंकड़े और भी शानदार हो सकते थे।