कौन हैं ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय तलवारबाज भवानी देवी?
क्या है खबर?
भारतीय महिला तलवारबाज (फेंसर) खिलाड़ी सीए भवानी देवी ने रविवार को इतिहास रच दिया है। वह ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय तलवारबाज बन गई हैं। भवानी ने समायोजित आधिकारिक रैंकिंग (AOR) के आधार पर आगामी टोक्यो ओलंपिक क्वालीफिकेशन हासिल किया है।
भारत में काफी कम मशहूर तलवारबाजी के इस खेल में बड़ा नाम बना चुकी भवानी के बारे में कुछ ऐसी बातें जिन्हें आप जरूर जानना चाहेंगे।
आइए जानें।
परिवार
मंदिर के पुजारी की बेटी हैं भवानी
भवानी के परिवार का खेल से नाता नहीं था और उनके पिता एक मंदिर के पुजारी हैं। भवानी की मां भी साधारण गृहणी हैं।
27 अगस्त, 1993 को उनका जन्म चेन्नई के एक गांव में हुआ था। भले ही परिवार का खेल से नाता नहीं था, लेकिन भवानी 10 साल की उम्र से ही खेलों में काफी रुचि लेती थीं। कक्षा छह में पढ़ते हुए ही भवानी का पहली बार तलवारबाजी से परिचय हुआ था।
कोचिंग
कक्षा 10 पास करने के बाद ही ज्वाइन किया SAI सेंटर
भवानी को शुरु में ही इस खेल से लगाव हो गया था और जैसे-जैसे वह इस खेल को खेलती गईं उनका प्यार और भी बढ़ता गया। कक्षा 10 पास करने के बाद ही भवानी ने इस खेल में अपना करियर बनाने का निर्णय ले लिया था।
अच्छी ट्रेनिंग हासिल करने के लिए उन्होंने केरल स्थित स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAI) सेंटर में दाखिला लिया था।
भारत में तलवारबाजी की ट्रेनिंग के लिए बेहद कम जगहों में से यह एक है।
सजा
पहले इंटरनेशनल इवेंट में ही मिली थी कड़ी सजा
14 साल की उम्र में ही उन्होंने अपने पहले इंटरनेशनल इवेंट में हिस्सा लिया था, लेकिन यह उनके लिए काफी निराशाजनक रहा था। दरअसल मैच के लिए केवल तीन मिनट की देरी से पहुंचने के कारण उन्हें ब्लैक कार्ड दिखाया गया था।
तलवारबाजी में मिलने वाली यह सबसे कड़ी सजा है और इसके कारण उन्हें टूर्नामेंट से बाहर होना पड़ा था। हालांकि, भवानी के कदम डगमगाए नहीं और उन्होंने तैयारी जारी रखी।
मदद
जय ललिता और गो स्पोर्ट्स फाउंडेशन ने की भवानी की मदद
2014 एशियन चैंपियनशिप के बाद उन्हें उस समय तमिलनाडु की मुख्यमंत्री रहीं जय ललिता का साथ मिला था। ललिता की मदद से वह ट्रेनिंग के लिए अमेरिका गई थीं ताकि 2016 में हुए ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर सकें। हालांकि, वह ऐसा नहीं कर सकी थीं।
इसी बीच उन्होंने राहुल द्रविड़ एथलीट मेंटरशिप प्रोग्राम के गो स्पोर्ट्स फाउंडेशन ने सिलेक्ट कर लिया और वह ट्रेनिंग के लिए इटली चली गईं। अब उनका ओलंपिक का सपना पूरा हो गया है।
उपलब्धि
ये उपलब्धियां हासिल करने वाली पहली भारतीय हैं भवानी
फिलीपींस में हुए 2014 एशियन चैंपियनशिप में अंडर-23 वर्ग में उन्होंने रजत पदक जीता था और ऐसा करने वाली पहली भारतीय बनी थीं। 2019 में कैनबेरा में हुए सीनियर कॉमनवेल्थ फेन्सिंग चैंपियनशिप में उन्होंने स्वर्ण जीतकर इतिहास बनाया था।
उन्होंने इंटरनेशनल लेवल पर पहला पदक 2009 कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में कांस्य के रूप में जीता था। इसके बाद उन्होंने पांच अलग-अलग प्रतियोगिताओं और वर्ग में कांस्य पदक जीते थे।