ओलंपिक के कभी भी ना टूट सकने वाले रिकॉर्ड्स पर एक नजर
ओलंपिक खेलों का सबसे बड़ा उत्सव है। पूरे विश्व के एथलीट्स अपने-अपने खेलों में हिस्सा लेते हैं और टॉप-3 पर रहने वाले एथलीट्स अपने देश के लिए मेडल जीतते हैं। मेडल जीतने वाले कुछ लोग रिकॉर्ड भी बनाते हैं जो सालों तक नहीं टूटते हैं। हम आपके लिए लेकर आए हैं ओलंपिक के कुछ ऐसे ही रिकॉर्ड जिनका कभी टूट पाना शायद ही संभव होगा।
माइकल फेलप्स के 23 गोल्ड मेडल
ओलंपिक चैंपियन्स के बारे में सोचने पर लोगों के दिमाग में सबसे पहला नाम माइकल फेलप्स का ही आता है। चार ओलंपिक में कुल 23 गोल्ड मेडल जीतने वाले अमेरिकी तैराक फेलप्स वाकई में गोल्डेन मैन हैं। वर्तमान समय का कोई एथलीट फेलप्स के पास भी नहीं है। फेलप्स के बाद सबसे ज़्यादा 18 मेडल्स सोवियत के रिटायर हो चुके जिमनास्ट लारिसा लैटीनिना ने 1956-64 के बीच जीते थे।
इयान मिलर द्वारा 10 बार ओलंपिक में हिस्सा लेना
ओलंपिक में मेडल जीतना एथलीट के लिए काफी गर्व का लम्हा होता है, लेकिन इस बड़े इवेंट में ज़्यादा से ज़्यादा बार अपनी उपस्थिति दर्ज करनी भी एक बड़ी उपलब्धि है। ओलंपिक में सबसे ज़्यादा बार उपस्थिति दर्ज कराने का रिकॉर्ड कनाडा के घुड़सवार इयान मिलर के नाम दर्ज है जिन्होंने 1972 से लेकर 10 बार ओलंपिक में हिस्सा लिया है। हालांकि, अब तक वह केवल एक ही मेडल जीत सके हैं जो 2008 में जीता सिल्वर मेडल था।
बॉलिंग में गोल्ड मेडल जीतने वाली जोड़ी
भले ही यह सुनने में अजीब लगेगा, लेकिन 1988 ओलंपिक में बॉलिंग में गोल्ड मेडल जीतने के बाद साउथ कोरिया के क्वॉन जोंग और फिलीपींस के अरियाने कार्डेना ने इतिहास बना दिया था। यह रिकॉर्ड आज तक तोड़ा नहीं जा सका है और आगे भी इसके टूटने की कोई उम्मीद नहीं है। इस रिकॉर्ड के कभी ना टूट सकने के पीछे कारण यह है कि इस खेल को उसके बाद से कभी ओलंपिक में खेला ही नहीं गया है।
28 गोल्ड सहित चीन द्वारा जीते गए कुल 53 मेडल
1988 में पहली बार टेबल टेनिस को गेम्स का हिस्सा बनाया गया था और उसके बाद से ही चीन इस खेल में काफी खतरनाक रहा है और उन्होंने काफी मेडल्स जीते हैं। अब तक चीन ने इस खेल में कुल 53 मेडल जीते हैं जिसमें से 28 गोल्ड मेडल शामिल हैं। गौरतलब है कि टेबल टेनिस में चीनी खिलाड़ियों के अलावा अब तक केवल 4 खिलाड़ी ही गोल्ड मेडल जीत सके हैं।
13 वर्षीया गेस्ट्रिंग द्वारा जीता गोल्ड मेडल
एक गोल्ड मेडल जीतने के लिए सालों की मेहनत लगानी पड़ती है। हालांकि, गोल्ड मेडल जीतने वाली एथलीट यदि कम उम्र की टीनएजर हो तो फिर निश्चित तौर पर एथलीट के पास अदभुत क्षमता है। ओलंपिक में सबसे कम उम्र में गोल्ड मेडल जीतने का रिकॉर्ड अमेरिका की 13 वर्षीया डाइवर मर्जोरी गेस्ट्रिंग के नाम दर्ज है जिन्होंने 1936 बर्लिन ओलंपिक्स में तीन मीटर के स्प्रिंगबोर्ड डाइव में मेडल जीता था।