
ATK ने खरीदी मोहन बागान की 80 प्रतिशत हिस्सेदारी, जानें क्लब में होने वाले बदलाव
क्या है खबर?
भारत के सबसे पुराने फुटबॉल क्लबों में से एक मोहन बागन अब इंडियन सुुपर लीग (ISL) की दो बार की चैंपियन ATK के साथ मिलकर खेलेगा।
दरअसल ATK का स्वामित्व रखने वाली आरपी-संजीव गोयनका (RPSG) ग्रुप ने मोहन बागान के 80 प्रतिशत शेयर खरीद लिए हैं।
दोनों टीमें एक साथ मिल गई हैं और अगले सीजन से इसे ATK मोहन बागान के रूप में जाना जाएगा।
आइए जानते है इससे दोनों क्लबों में क्या बदलाव आएंगे।
प्रशासन
बागान के प्रशासनिक संरचना में नहीं आएगा बदलाव
दोनों टीमों के मर्जर से बागान के प्रशासिनक संरचना पर प्रभाव नहीं पड़ने वाला है।
मोहन बागान एथलेटिक क्लब और इसकी फुटबॉल टीम को दो अलग-अलग संस्थाएं चलाती हैं।
क्लब अपने पदाधिकारियों को रखना जारी रखेगा और हर साल तीन साल पर होने वाले अपने चुनाव को भी कराता रहेगा।
इसके साथ ही क्लब क्रिकेट जैसे अन्य खेलों के साथ भी जुड़ा रहेगा और काम करता रहेगा।
फुटबॉल टीम
1998 से एक कंपनी द्वारा चलाई जा रही थी फुटबॉल टीम
1998 में बागान ने UB ग्रुप के साथ 50-50 शेयर की पार्टनरशिप की थी और तब से ही क्लब की फुटबॉल टीम को एक कंपनी द्वारा चलाया जा रहा है।
पहले के समय में यह यूनाइटेड मोहन बागान प्राइवेट लिमिटेड थी, लेकिन UB ग्रुप से साझेदारी खत्म होने के बाद यह मोहन बागान फुटबॉल क्लब प्राइवेट लिमिटेड हो गया।
क्लब ही कंपनी के डॉयरेक्टर का नामांकन करता है।
कंपनी
अब होगी नई कंपनी की स्थापना
दोनों क्लबों के मर्जर के बाद अब एक नई कंपनी की स्थापना की जाएगी और इसमें RPSG ग्रुप को 80 प्रतिशत हिस्सेदारी मिलेगी।
मोहन बागान फुटबॉल क्लब प्राइवेट लिमिटेड को 20 प्रतिशत की हिस्सेदारी मिलेगी।
UB ग्रुप के साथ पार्टनरशिप के उलट इस बार RPSG ग्रुप द्वारा नामांकित किए गए डॉयरेक्टर्स मोहन बागान के डॉयरेक्टर्स की जगह लेंगे।
नई कंपनी में बागान के केवल दो क्लब होंगे और इसी के अंडर मर्ज हुआ क्लब चलाया जाएगा।
जानकारी
क्लब ग्राउंड और ड्रेसिंग रूम सहित तमाम चीजों पर नहीं होगा नई कंपनी का हक
नई कंपनी के पास क्लब ग्राउंड, ड्रेसिंग रूम और मोहन बागान एथलेटिक क्लब से जुड़ी किसी चीज का कंट्रोल नहीं होगा। क्लब की एक्सीक्यूटिव कमेटी अभी भी इन चीजों के चार्ज में रहेगी।
रजिस्ट्रेशन
15 करोड़ रूपये देकर कराना होगा फ्रेश रजिस्ट्रेशन
ATK और मोहन बागान के मर्जर से बने नए क्लब को ISL में खेलने के लिए फ्रेश रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
सूत्रों के मुताबिक अगले सीजन से यह क्लब ISL में हिस्सा लेगा और इसके लिए उन्हेें सालाना 15 करोड़ रूपये की फ्रेंचाइजी फीस देकर फ्रेश रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
ISL की दो बार की चैंपियन ATK को मोहन बागान और ईस्ट बंगाल की छाया में रहना पड़ा है।