मौमा दास समेत इन सात खेल हस्तियों को मिलेंगे पद्म पुरस्कार
बीते सोमवार को पद्म पुरस्कारों की घोषणा की गई, जिसमें अनुभवी टेबल टेनिस खिलाड़ी मौमा दास समेत सात खेल हस्तियों को यह पुरस्कार मिला है। ग्रह मंत्रालय ने प्रेस रिलीज के जरिए इस बारे में जानकारी दी है। बता दें हर साल गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पुरस्कार विजेताओं की घोषणा की जाती है। भारत के राष्ट्रपति द्वारा यह सम्मान दिया जाता है। आइए एक नजर डालते हैं पूरी खबर पर।
इन खेल हस्तियों को मिला पद्म श्री
इस साल कुल 102 लोगों (सभी वर्गों को मिलाकर) को पद्म श्री से सम्मानित किया गया, जिसमें खेल वर्ग से सात लोगों को यह प्रतिष्ठित सम्मान मिला। पी अनीता, बास्केटबाल (तमिलनाडु) मौमा दास, टेबल टेनिस (पश्चिम बंगाल) सुधा हरि नारायण सिंह, स्टीपलचेज (उत्तर प्रदेश) वीरेंद्र सिंह, कुश्ती (हरियाणा) के वाई वेंकटेश, पैरा एथलेटिक्स, (कर्नाटक) अंशु जामसेनपा, पर्वतारोहण (अरुणाचल प्रदेश) माधवन नांबियार, एथलेटिक्स (केरल)
जानिए कौन हैं मौमा दास और सुधा नारायण सिंह
साल 2013 में अर्जुन अवार्ड से सम्मानित हो चुकी मौमा दास अब पद्म पुरस्कार पाने वाली सिर्फ दूसरी टेबल टेनिस खिलाड़ी बनी हैं। उनसे पहले दिग्गज अचंता शरत कमल को 2019 में पद्म श्री मिल चुका है। वहीं 3,000 मीटर स्टीपलचेज में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी सुधा नारायण सिंह को 2012 में अर्जुन पुरस्कार मिला था। बता दें उत्तर प्रदेश की सुधा लंदन और रियो ओलंपिक में हिस्सा ले चुकी हैं।
वीरेंद्र सिंह, अंशु जामसेनपा और वेंकटेश को भी मिलेगा है पद्म श्री
पहलवान वीरेंद्र सिंह को भी पद्म पुरस्कार मिला है। हरियाणा के वीरेंद्र बोल नहीं पाते हैं और 'गूंगा पहलवान' के नाम से भी पहचाने जाते हैं। वहीं अरुणाचल प्रदेश की पर्वतारोही अंशु जामसेनपा भी प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित हुई है। उन्होंने पांच दिन में दो बार माउंट एवरेस्ट फतेह करके रिकॉर्ड बनाया था। महान भारतीय पैरा-एथलीट और लिम्का विश्व रिकॉर्ड धारक के.वाई. वेंकटेश को भी सोमवार को पद्मश्री से सम्मानित किया गया।
जानिए कौन हैं सम्मानित होने वाले अनीता और नाम्बियार
बास्केटबाल खिलाड़ी पी अनीता ने भारतीय राष्ट्रीय टीम के लिए 18 साल तक खेला (2000-17) है। दिग्गज खिलाड़ी अनीता भारत की सबसे युवा कप्तान (19 साल) भी रही हैं। उनके नाम बास्केटबॉल नेशनल चैंपियनशिप में 30 पदक जीतने का रिकॉर्ड भी दर्ज है। भारतीय 'उड़नपरी' पीटी उषा की सफलता के पीछे माधवन नांबियार का बड़ा हाथ रहा है। 88 वर्ष की उम्र में पद्म पुरस्कार से सम्मानित होने वाले नांबियार, पीटी उषा के कोच रह चुके हैं।