पोलैंड के खेल मंत्री का दावा, कहा- 40 देश कर सकते हैं पेरिस ओलंपिक का बहिष्कार
रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध की चिंगारी अब ओलंपिक खेलों तक पहुंच चुकी है। पोलैंड के खेल और पर्यटन मंत्री कामिल बोर्टनिकज़ुक ने एक बयान देकर सनसनी पैदा कर दी। उन्होंने कहा कि 40 देश अगले पेरिस ओलंपिक खेलों का बहिष्कार कर सकते हैं। अगर ऐसा हुआ तो पूरा आयोजन व्यर्थ हो जाएगा। पोलैंड, लिथुआनिया, एस्टोनिया और लातविया ने संयुक्त रूप से ओलंपिक में रूसी और बेलारूसी खिलाड़ियों के भाग लेने पर रोक लगाने की बात कही है।
इसलिए रूस और बेलारूस का विरोध कर रहे हैं ये देश
इन देशों की तरफ से ये धमकी अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) की ओर से रूसी और बेलारूसी एथलीटों को दी अगले ओलंपिक के लिए दी जाने वाली रियायतों के बाद आई है। IOC ने रूस और बेलारूस के खिलाड़ियों को अपने देशों के झंडे तले खेलने से तो रोका है लेकिन उन्हें तटस्थ के रूप में भाग लेने की छूट दी है। यूक्रेन ने भी ऐसा होने पर पेरिस ओलंपिक का बहिष्कार करने की धमकी दी है।
युद्ध ये ध्यान हटाने के लिए रूस की चाल
एक संयुक्त बयान में, चार देशों के खेल मंत्रियों ने कहा कि "इस तरह की छूट खेल को यूक्रेन के खिलाफ रूस की आक्रामकता को युद्ध से ध्यान हटाने और वैध बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा।" बोर्टनिकज़ुक ने कहा, "आगामी बैठक में अमेरिका, यूके, कनाडा, अमेरिका और जापान के लोग भी शामिल होंगे। सभी देश रूस और बेलारूस के एथलीटों के ओलंपिक खेलों में भाग लेने की अनुमति देने के विचार के खिलाफ हैं।"
IOC के निर्णय पक्ष में ये व्हाइट हाउस
इस बारे में व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव काराइन जीन पियरे ने ओलंपिक में प्रतिस्पर्धा करने वाले रूस या बेलारूस के व्यक्तिगत एथलीटों पर कोई आपत्ति नहीं जताई। उन्होंने कहा, "जब तक इन दोनों देशों के खिलाड़ी अपनी मातृभूमि का प्रतिनिधित्व नहीं कर रहे हैं इसमें कुछ भी गलत नहीं है।" वैसे मानवाधिकार कार्यालय द्वारा IOC के इस कदम की सराहना की गई है, जिसमें कहा गया है "किसी एथलीट के साथ राष्ट्रीयता के आधार पर भेदभाव नहीं होना चाहिए।"
यूक्रेनी टेनिस स्टार ने की IOC की आलोचना
यूक्रेनी टेनिस खिलाड़ी और ओलंपिक कांस्य पदक विजेता एलिना स्वितोलिना के साथ-साथ पूर्व मुक्केबाजी चैंपियन व्लादिमीर क्लिट्सको ने IOC की कड़े शब्दों में आलोचना की है। स्वितोलिना ने कहा, "हमें रूसी और बेलारूसी एथलीटों पर प्रतिबंध लगाना चाहिए। दुनियाभर से हमें एक मजबूत संदेश भेजना चाहिए कि हम रूस और बेलारूस के खिलाफ लगाए गए प्रतिबंधों में एकजुट हैं। हमें उन सरकारों के जघन्य कृत्यों के खिलाफ खड़ा होना होगा।"