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पैरालंपिक: निषाद कुमार ने जीता ऊंची कूद में रजत, विनोद को मिला डिस्कस थ्रो का कांस्य
निषाद कुमार ने जीता रजत पदक

पैरालंपिक: निषाद कुमार ने जीता ऊंची कूद में रजत, विनोद को मिला डिस्कस थ्रो का कांस्य

लेखन Neeraj Pandey
Aug 29, 2021
06:21 pm

क्या है खबर?

टोक्यो में चल रहे पैरालंपिक में आज का दिन भारत के लिए काफी शानदार रहा। निषाद कुमार ने भारत को एथलेटिक्स में पहला और आज के दिन में कुल दूसरा पदक दिलाया। निषाद ने ऊंची कूद में अपने बेस्ट रिकॉर्ड की बराबरी करते हुए रजत पदक जीता है। निषाद के साथी खिलाड़ी राम पाल ने पदक जीतने का मौका गंवाया और पांचवे स्थान पर रहे। आइए जानते हैं पूरी खबर।

पदक

इस तरह निषाद ने जीता रजत पदक

निषाद ने पहले प्रयास में 2.06 मीटर की ऊंचाई हासिल की और रजत पदक पर कब्जा जमाया। इस ऊंचाई के साथ उन्होंने एशियन रिकॉर्ड बनाया और अपने पर्सनल बेस्ट रिकॉर्ड की बराबरी भी की। अमेरिका के टाउनसेंड रोडेरिक ने 2.15 मीटर ऊंची कूद के साथ प्रतियोगिता का स्वर्ण पदक अपने नाम किया। इस प्रतियोगिता का कांस्य पदक भी अमेरिका के खाते में ही गया जिसे वीज डालास ने हासिल किया।

विनोद कुमार

एशियन रिकॉर्ड के साथ विनोद ने जीता कांस्य

पैरा डिस्कस थ्रोवर विनोद कुमार ने पैरालंपिक में कांस्य पदक जीत लिया है। विनोद ने स्पोर्ट क्लास 52 में एशियन रिकॉर्ड के साथ पदक जीता है। उन्होंने 17.46, 18.32, 17.80, 19.12, 19.91 और 19.81 मीटर के थ्रो किए। विनोद ने पांचवें थ्रो में अपना बेस्ट हासिल किया था। पोलैंड के पिओट्र कोसविच्ज ने 20.02 मीटर की थ्रो के साथ स्वर्ण पदक तो वहीं क्रोएशिया के वेलिमिर सैंडोर ने 19.98 मीटर के साथ रजत पदक जीता।

शुभकामना

प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति ने दी निषाद को शुभकामनाएं

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने निषाद को शुभकामना देते हुए ट्विटर पर लिखा, "टोक्यो से और खुशी वाली खबर आ रही है। पुरुषों की ऊंची कूद में निषाद कुमार द्वारा रजत पदक जीतने की खबर से बेहद प्रसन्न हूं। शानदार स्किल के साथ वह एक कुशल एथलीट हैं। उन्हें ढेर सारी शुभकामनाएं।" कांग्रेस नेता राहुल गांधी और भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी निषाद को शुभकामनाएं दी है।

टेबल टेनिस

भाविनाबेन ने खोला था भारत का खाता

महिला पैरा टेबल टेनिस खिलाड़ी भाविनाबेन पटेल ने भारत के लिए टोक्यो पैरालंपिक में पदकों का खाता खोला था। उन्हें फाइनल में हार मिली, लेकिन फाइनल तक पहुंचने के कारण उन्होंने रजत पदक हासिल कर लिया। फाइनल में भाविना काफी परेशान दिखीं और केवल 19 मिनट में ही यह मुकाबला समाप्त हो गया था। भाविना ने बताया था कि वह फाइनल में अपने प्लान को अमल में नहीं ला पाई थीं।