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40 करोड़ रुपये में बिका वर्ल्ड वाइड वेब का सोर्स कोड
40 करोड़ रुपये में बिका वर्ल्ड वाइड वेब का सोर्स कोड

40 करोड़ रुपये में बिका वर्ल्ड वाइड वेब का सोर्स कोड

Jul 01, 2021
03:56 pm

क्या है खबर?

बुधवार को वर्ल्ड वाइड वेब (www) का ओरिजनल सोर्स कोड लगभग 40 करोड़ रुपये में बेचा गया है। सॉथबाय पर हुई नीलामी में इसकी बोली 75,000 रुपये से शुरू हुई और आखिर में करोड़ों रुपये में बेचा गया। यह कोड कंप्यूटर साइंटिस्ट टिम बर्नर्स ली ने लिखा था और उन्होंने ही इसकी बिक्री की है। टिम ने 30 साल पहले वर्ल्ड वाइड वेब का सोर्स कोड लिखा था। उन्होंने इस कोड को नॉन-फंजिबल टोकेन (NFT) के जरिये बेचा है।

बयान

टिम बोले- नीलामी की प्रक्रिया पुराने दौर में ले गई

नीलामी के बाद टिम ने कहा, "इस NFT को नीलामी में लाने की प्रक्रिया ने मुझे बीते दौर में देखने का मौका दिया, जब 30 साल पहले मैं इस कोड को लिखने बैठा था। यह दिखाता है कि तब से वेब कहां पहुंच चुका है।"

नीलामी

कोड के साथ-साथ बायर को मिली ये चीजें

वर्ल्ड वाइड वेब सोर्स कोड के NFT खरीदने वाले बायर को एक ओरिजनल आर्काइव और टाइम स्टैंप के साथ 1990 और 1991 के बीच लिखे गए कोड वाली फाइल मिली है। इसके साथ एक 30 मिनट का वीडियो, एक डिजिटल पोस्टर, टिम के सिग्नेचर और उनका लेटर भी दिया गया है। इस कोड की 9,555 लाइनें NFT में कोड किए लिंक के जरिये एक्सेस की जा सकेंगी। इसके जरिये बायर कोड को ऑनलाइन देख या डाउनलोड कर सकेगा।

जानकारी

सार्वजनिक नहीं की गई बायर की पहचान

नीलामी में कोड के लिए 50 से अधिक बोलियां लगी थीं। अभी तक बायर की पहचान सार्वजनिक नहीं की गई है और न ही यह बताया गया है कि उसने यह रकम क्रिप्टो करेंसी में चुकाई है और इसका नकद भुगतान किया गया है।

NFT

डिजिटल आर्ट बेचने का तरीका बने NFTs

नॉन-फंजिबल टोकेन्स की मदद से अब डिजिटल-बॉर्न आर्ट को बेचा जाना संभव हो सका है और साबित किया जा सकता है कि ऑफर की जा रहीं फाइल्स ओरिजनल हैं। डिजिटली साइन्ड ईथरम ब्लॉकचेन NFTs डिजिटल फाइल्स की यूनीकनेस को भी साबित करती हैं। इसके साथ ओनर्स को डिजिटल फाइल्स की ओनरशिप मिल जाती है और वे उस वर्क के इकलौते मालिक होते हैं। NFT के तौर पर बिक रहे आर्टवर्क के बदले लोग करोड़ों रुपये तक खर्च कर रहे हैं।

जानकारी

क्या होता है NFT?

NFT या नॉन-फंजिबल टोकेन ब्लॉकचेन पर मौजूद डिजिटल असेट को कहते हैं। ब्लॉकचेन एक पब्लिक लेजर के तौर पर काम करती है, जिससे इनकी सत्यता और मालिकाना हक का पता लगाया जा सके। यानी कि दूसरे डिजिटल आइटम्स की कॉपी आसानी से तैयार की जा सकती हैं, लेकिन NFT अपने यूनीक डिजिटल सिग्नेचर के चलते सबसे अलग होते हैं। इनके डिजिटल राइट्स को क्रिप्टोकरेंसी ईथर या फिर डॉलर में भुगतान कर खरीदा जा सकता है।

अहमियत

ओनरशिप के भविष्य के तौर पर देखे जा रहे NFT

डिजिटल असेट्स में निवेश करने वाले इसे ओनरशिप के भविष्य की तरह देखते हैं। उनका मानना है कि आने वाले वक्त में इवेंट टिकट्स से लेकर घरों तक की ओनरशिप ऐसे टोकेन्स की शक्ल में दी जाएगी। आर्टिस्ट्स और डिजिटल क्रिएटर्स के लिए NFTs ने कमाई के नए विकल्प खोल दिए है। आने वाले वक्त में इसी तरह म्यूजिक कॉन्सर्ट्स और इवेंट्स की सीटें भी बुक कराई जा सकती हैं।