जल्द AI और UPI से संचालित होंगे टोल बूथ, जाम से मिलेगा छुटकारा
क्या है खबर?
भारतीय-अमेरिकी टेक कंपनी कैलसॉफ्ट ने एनवीडिया की तकनीक, यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) और AI का उपयोग करके एक ऑटोमैटिक टोल सिस्टम बनाया है।
मैनुअल टोलिंग से अक्सर ट्रैफिक जाम हो जाता है, लेकिन ऑटोमैटिक टोल सिस्टम आने से टोल प्लाजा पर वाहनों के लिए औसत प्रतीक्षा समय केवल कुछ सेकंड तक सीमित हो जाएगा। इससे टोल बूथ पर जाम भी नहीं लगेगा और पैसे के लेनदेन की झंझट भी कम हो जाएगी।
सिस्टम
कैसे काम करता है नया सिस्टम?
टोल भरने का नया सिस्टम वाहन के लाइसेंस प्लेट को पढ़कर ड्राइवरों से उनके UPI अकाउंट के माध्यम से शुल्क लेगा।
इस तकनीक का परीक्षण वर्तमान में कुछ महानगरों में किया जा रहा है, जिसके बारे में कहा जाता है कि इसने नंबर प्लेट पढ़ने में लगभग 95 प्रतिशत सटीकता हासिल की है।
इससे मैन्युअल टोल विवरण दर्ज करने की आवश्यकता कम हो जाती है और ट्रैफिक जाम को कम करने में मदद मिलती है।
तकनीक
इस तकनीक का उपयोग करता है नया सिस्टम
नया टोल सिस्टम भविष्य के विकास और बदलती ट्रैफिक स्थितियों को संभालने के लिए डिजाइन किया गया है, जिससे भारत के सड़क मार्गों पर टोल लेना अधिक आसान हो गया है।
यह सिस्टम ट्रैकिंग के लिए एनवीडिया के मेट्रोपोलिस, AI मॉडल के लिए ट्राइटन और रीयल-टाइम डाटा प्रोसेसिंग के लिए डीपस्ट्रीम का उपयोग करता है। अभी टोल प्लाजा पर RFID तकनीक का उपयोग करके फास्टैग के साथ टोल वसूला जाता है।