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    NewsBytesExplainer: बेल्जियम में गिरफ्तारी के बाद भी मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण की संभावना कम? जानिए कैसे
    मेहुल चोकसी का भारत आना कितना मुश्किल?

    NewsBytesExplainer: बेल्जियम में गिरफ्तारी के बाद भी मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण की संभावना कम? जानिए कैसे

    लेखन गजेंद्र
    Apr 15, 2025
    07:14 pm

    क्या है खबर?

    भगोड़ा हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी भले ही बेल्जियम में भारत के प्रत्यर्पण अनुरोध के बाद गिरफ्तार हो गया है, लेकिन उसके भारत आने की संभावना काफी कम है।

    दरअसल, भारत और बेल्जियम के बीच प्रत्यर्पण की संधि जरूर है, लेकिन चोकसी के वकील ने गिरफ्तारी को राजनीतिक और भारतीय जेलों का मुद्दा उठाकर प्रत्यर्पण को थोड़ा मुश्किल बनाया है।

    ऐसे में क्या चोकसी का आसानी से भारत में प्रत्यर्पण हो पाएगा? आइए, समझते हैं।

    प्रत्यर्पण

    क्या कहती है भारत-बेल्जियम की प्रत्यर्पण संधि?

    भारत-बेल्जियम के बीच जो प्रत्यर्पण संधि है, वो वित्तीय अपराधों समेत "दोहरे अपराध" के अपराध पर भगोड़ों को वापस भेजने की अनुमति देता है।

    दोहरे अपराध का तात्पर्य उस अपराध से है, जिसमें किसी व्यक्ति को उसी सूरत में प्रत्यर्पित किया जा सकता है, जब वह अपराध दोनों देशों के कानून के अनुसार दंडनीय हो।

    अगर अपराध राजनीतिक या सैन्य मामलों से जुड़ा है तो प्रत्यर्पण से इंकार भी किया जा सकता है।

    संधि

    भारत को 2 महीने में देना होगा सबूत

    भारत को चोकसी के मामले में 2 महीने के अंदर दोषसिद्धि के सबूत बेल्जियम की कोर्ट में पेश करने होंगे। ऐसा न किए जाने की सूरत में गिरफ्तार चोकसी रिहा किया जा सकता है।

    माना जाता है कि भारत और बेल्जियम ने पारस्परिक कानूनी सहायता संधियों (MLAT) पर 2023 में हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत दोनों देशों को अपनी जांच एजेंसियों द्वारा भगोड़ों के खिलाफ एक-दूसरे के तलाशी और समन को लागू करना होता है।

    प्रत्यर्पण

    कितना कठिन है चोकसी को भारत लाना?

    भारत चोकसी को वापस लाने के लिए हरसंभव काम कर रहा है। जांच एजेंसियों ने चोकसी के खिलाफ 2018 और 2021 में मुंबई की एक विशेष कोर्ट द्वारा जारी 2 ओपेन-एंडेड गिरफ्तारी वारंट भी बेल्जियम के साथ साझा किया है।

    दोनों देश औपचारिक कागजी कार्रवाई कर रहे हैं। प्रत्यर्पण की प्रक्रिया के बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम बेल्जियम भी जाएगी।

    हालांकि, अधिकारी यह कहने से बच रहे हैं कि वे चोकसी को वापस लाएंगे।

    कानून

    चोकसी के वकील प्रत्यर्पण रोकने के लिए चलेंगे यह दांव

    चोकसी के वकील विजय अग्रवाल का कहना है कि वह प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील दायर करेंगे, जिसमें मानवाधिकार का मुद्दा उठाया जाएगा और इसे राजनीतिक मामला बताएंगे।

    यह भी तर्क दिया जाएगा कि वह काफी बीमार होने के कारण भागने की स्थिति में नहीं है और पिछले साल एंटीगुआ और बारबुडा से कैंसर का इलाज कराने बेल्जियम आया था।

    इस दौरान भारत में वांछित रक्षा क्षेत्र के सलाहकार संजय भंडारी की ब्रिटेन में खारिज प्रत्यर्पण की नजीर पेश की जाएगी।

    झटका

    भारत को लग चुका है डोमिनिका से झटका

    चोकसी के प्रत्यर्पण की भारतीय कोशिश को 2021 में डोमिनिका में झटका लग चुका है, जब चोकसी वहां अवैध प्रवेश के आरोप में गिरफ्तार हुआ था।

    उस समय विदेश मंत्रालय और CBI के अधिकारी डोमिनिका पहुंचे थे, लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी थी। चोकसी के परिवार ने भारत पर अपहरण का आरोप लगाया था। तब डोमिनिका ने उसे वापस एंटीगुआ भेज दिया था।

    चोकसी के पास एंटीगुआ की नागरिकता है, जिससे बेल्जियम से उसके प्रत्यर्पण को झटका लग सकता है।

    फरार

    2018 में देश छोड़कर भागा था चोकसी

    चोकसी और उसके भतीजे नीरव मोदी पर देश के दूसरे सबसे बड़े बैंक PNB से 13,850 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप है।

    आरोप है कि उन्होंने बैंक की मुंबई स्थित ब्रैडी हाउस शाखा के अधिकारियों को रिश्वत देकर वचन पत्र (LoU) और विदेशी ऋण पत्र (FLC) का इस्तेमाल किया।

    धोखाखड़ी का मामला सामने आने से पहले दोनों जनवरी 2018 में देश छोड़कर फरार हो गए थे। मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ED) और CBI कर रही है।

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