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वनप्लस जल्द ला सकती है क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट, सर्वे में मिले संकेत

वनप्लस जल्द ला सकती है क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट, सर्वे में मिले संकेत

Jun 02, 2021
11:45 am

क्या है खबर?

बिटकॉइन और इससे जुड़ा क्रिप्टोकरेंसी मार्केट तेजी से बढ़ा है और चाइनीज टेक कंपनी वनप्लस भी इसका हिस्सा बन सकती है। कंपनी ब्लॉकचेन रिसर्च से जुड़ा सर्वे कर रही है और इस सर्वे का मकसद यूजर्स का फीडबैक लेना है। कंपनी अपने यूजर्स से पूछ रही है कि क्या वे कॉइनबेस, जेमिनी, रॉबिनहुड और बायनेंस जैसे ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल करते हैं। ऐसा लगता है कि वनप्लस क्रिप्टोकरेंसी प्लेटफॉर्म और वॉलेट स्पेस में कदम रख सकती है।

रिपोर्ट

क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ा प्रोडक्ट लाने की योजना

MySmartPrice की ओर से शेयर की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि वनप्लस ब्लॉकचेन रिसर्च टाइटल वाले सर्वे के साथ कंपनी क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े प्रोडक्ट तैयार करने की योजना बना रही है। युवा स्मार्टफोन यूजर्स बिटकॉइन, ईथरम और डॉगीकॉइन जैसे क्रिप्टोकरेंसी में पहले के मुकाबले ज्यादा रुचि ले रहे हैं। दरअसल, स्मार्टफोन्स पर ऐप्स की मदद से क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग ऐप्स का इस्तेमाल पहले के मुकाबले आसान हो गया है।

सर्वे

ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी को समझने की कोशिश

वनप्लस के सर्वे का फोकस इस बात से जुड़ा है कि यूजर्स में ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी को लेकर कितनी समझ है। हालांकि, इसमें शामिल कुछ सवाल इशारा करते हैं कि कंपनी का नया प्रोडक्ट डिजिटल असेट्स को सेव करने वाला डिजिटल वॉलेट हो सकता है। सर्वे में यूजर्स से पूछा गया है कि क्या वे क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना चाहते हैं और ऐसा करने के दौरान उन्हें किस तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।

प्रोडक्ट

स्टोर कर पाएंगे अपनी क्रिप्टोकरेंसी

वनप्लस कम से कम अपने यूजर्स को क्रिप्टोकरेंसी स्टोर करने का विकल्प जरूर दे सकती है। कंपनी किप्टोकरेंसी को निवेश और ट्रेडिंग से जुड़ा प्रोडक्ट शायद ही लेकर आए क्योंकि इससे जुड़ी संभावनाओं में तेजी से बदलाव देखने को मिलते हैं। जो यूजर्स क्रिप्टोकरेंसी की बदलती कीमतें ट्रैक करते हैं, उन्हें पता होगा कि बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी की वैल्यू तेजी से बदलती है। फिलहाल, वनप्लस के अलावा कोई बड़ी टेक कंपनी इस मार्केट में आई भी नहीं है।

खतरा

आपको निशाना बना रही हैं फेक ऐप्स

साइबर स्पेस में क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी कई फेक ऐप्स भी सामने आई हैं। साइबरसिक्योरिटी फर्म सोफोस (Sophos) ने सोमवार को कहा है कि इसने करीब 167 फेक ऐप्स का पता लगाया है, जिनका इस्तेमाल कर साइबर क्रिमिनल्स यूजर्स के पैसे चुराने की कोशिश कर रहे थे। ये फेक ऐप्स असली फाइनेंसियल ट्रेडिंग, बैंकिंग और क्रिप्टोकरेंसी ऐप्स जैसे फीचर्स देने का दावा कर रही थीं। इन ऐप्स के साथ यूजर्स के अकाउंट का ऐक्सेस अटैकर को मिल जाता था।

बैन

प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगा सकती है सरकार

भारत सरकार जल्द बिटकॉइन जैसी प्राइवेट करेंसी पर बैन लगाने से जुड़ा कानून ला सकती है। सरकार की ओर से लोकसभा में पेश किए गए नए बिल से सामने आया है कि केंद्रीय बैंक अपनी आधिकारिक डिजिटल करेंसी तैयार करने पर विचार कर रहा है। लोकसभा में पेश बिल के पास होने के बाद बिटकॉइन, रिपल, XRP और टेथर जैसी सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी मान्य नहीं रहेंगी। नई क्रिप्टोकरेंसी के तौर पर रुपये का डिजिटल वर्जन इनकी जगह ले सकता है।