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भारत में बढ़ गए साइबरक्राइम के मामले, रिमोट वर्क करना पड़ रहा भारी- रिपोर्ट

भारत में बढ़ गए साइबरक्राइम के मामले, रिमोट वर्क करना पड़ रहा भारी- रिपोर्ट

Apr 19, 2021
01:55 pm

क्या है खबर?

करीब 59 प्रतिशत भारतीय वयस्क पिछले 12 महीने में किसी तरह के साइबरक्राइम का शिकार हुए हैं। नॉर्टनलाइफलॉक की 2021 नॉर्टन साइबर सेफ्टी इनसाइट्स रिपोर्ट में पता चला है कि साइबरक्राइम से निपटना यूजर्स के लिए चुनौती बन गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि विक्टिम्स ने इन दिक्कतों को ठीक करने के लिए 1.3 अरब घंटे का वक्त लिया। नॉर्टनलाइफलॉक की रिपोर्ट 10 देशों में रहने वाले 10,000 वयस्क यूजर्स के साथ किए गए सर्वे पर आधारित है।

रिपोर्ट

36 प्रतिशत भारतीय यूजर्स के अकाउंट प्रभावित

रिपोर्ट में बताया गया है कि 36 प्रतिशत भारतीय वयस्क यूजर्स के अकाउंट या डिवाइस में पिछले 12 महीने में अनऑथराइज्ड ऐक्सेस की बात सामने आई। इस तरह के मामलों को लेकर लगभग आधे (49 प्रतिशत) यूजर्स को गुस्सा आया या वे चिंतित हुए। हर पांच में से दो यूजर्स ने कहा कि उन्हें डर (42 प्रतिशत) या खतरा (38 प्रतिशत) महसूस हुआ। वहीं, 10 में से तीन (30 प्रतिशत) यूजर्स ने खुद को असहाय पाया।

सुरक्षा

ज्यादातर यूजर्स ने ली दोस्तों की मदद

साइबरक्राइम के इतने मामलों के बावजूद केवल 36 प्रतिशत यूजर्स ने ही किसी तरह के सुरक्षा सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया। अटैक्स का शिकार बने लोगों में से 52 प्रतिशत ने अपने दोस्तों की मदद ली। करीब 47 प्रतिशत यूजर्स ने इस तरह की दिक्कतें दूर करने के लिए कंपनी की मदद ली। रिपोर्ट में बताया गया है कि वर्क फ्रॉम होम कर रहे यूजर्स अपनी डाटा सुरक्षा को लेकर कैसा महसूस करते हैं।

चुनौती

साइबरक्रिमिनल्स को मिला वर्क फ्रॉम होम का फायदा

स्टडी में सामने आया है कि 10 में से सात (70 प्रतिशत) भारतीय यूजर्स का मानना है कि हैकर्स और साइबरक्रिमिनल्स को वर्क फ्रॉम होम की स्थिति का फायदा मिल रहा है। करीब दो तिहाई यूजर्स ने कहा कि वे साइबरक्राइम विक्टिम बनने के डर से चिंतित रहते हैं। दूसरी रिपोर्ट्स में भी इस बात पर जोर दिया गया है कि रिमोट वर्क नेटवर्क्स में सेंध लगाना हैकर्स के लिए आसान हो गया है।

कोविड-19

कोरोना वायरस लॉकडाउन के बाद बढ़े अटैक्स

रिपोर्ट में कहा गया है कि करीब 63 प्रतिशत भारतीय यूजर्स ने माना कि वे कोरोना वायरस महामारी के बाद से साइबरक्राइम को लेकर ज्यादा रिस्क पर हैं। मौजूदा खामियों के बावजूद करीब आधे (52 प्रतिशत) यूजर्स ने माना कि वे खुद को साइबरक्राइम से बचाने के तरीकों के बारे में नहीं जानते। इसी तरह आधे से ज्यादा (68 प्रतिशत) यूजर्स ने माना कि वे नहीं समझ पाते कि ऑनलाइन दिख रही जानकारी भरोसेमंद सोर्स से है या नहीं।