'कट, कॉपी, पेस्ट' फंक्शन लाने वाले कंप्यूटर साइंटिस्ट लैरी टेस्लर का निधन
अगर आप कंप्यूटर पर काम करते हैं तो रोजाना कई बार 'कट, कॉपी, पेस्ट' फंक्शन का इस्तेमाल करते होंगे। इस फंक्शन को लाने के पीछे कंप्यूटर साइंटिस्ट लैरी टेस्लर का दिमाग था, जिनका 74 साल की उम्र में सोमवार को निधन हो गया। 1970 के दशक में जिरॉक्स पालो ऑल्टो रिसर्च सेंटर में काम करते हुए उन्हें 'कट, कॉपी, पेस्ट' का विचार आया था। यहां काम करने के बाद उन्होंने ऐपल में काम करना शुरू किया था।
ऐपल, अमेजन और याहू में काम कर चुके थे टेस्लर
17 सालों तक ऐपल में काम करने के दौरान लिसा, मैकिन्टॉश और न्यूटन का इंटरफेस डिजाइन करने में मदद की। टेस्लर ने 1997 में ऐपल का साथ छोड़ दिया और अमेजन के साथ काम करना शुरू किया। 2005 में वो याहू से जुड़े। तीन साल यहां नौकरी करने के बाद उन्होंने कंपनी बदल ली। एक साल तक नई कंपनी में काम करने के बाद उन्होंने नौकरी छोड़ दी। इसके बाद वो बतौर सलाहकार काम करने लगे।
स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़े थे टेस्लर
1945 में अमेरिकी शहर न्यूयॉर्क में जन्मे टेस्लर ने स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई की थी। कुछ समय के लिए उन्होंने स्टेनफोर्ड आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस लैब में काम किया। आज हम हमारे स्मार्टफोन और लैपटॉप में जिस 'ब्राउजर' का इस्तेमाल करते हैं उसको यह नाम टेस्लर ने 1976 में दिया था। उन्होंने अपने जीवन में जिन कंपनियों में काम किया वो आज दुनियाभर में अपनी अलग पहचान बना चुकी हैं।
मोडलेस कंप्यूटिंग को लेकर जुनूनी थे टेस्लर
ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूूरी करने के बाद उन्होंने इंटरफेस डिजाइन में विशेषज्ञता हासिल की। ऐपलनेट और ऐपल के एडवांस्ड टेक्नोलॉजी ग्रुप में वाइस प्रेसिडेंट पद पर रहते हुए उन्होंने कई इंटरफेस बनाए थे। हालांकि, पर्सनल कंप्यूटर के विकास में उनके योगदान के मुकाबले में इस काम को बेहद कम माना जाता है। वो मोडलेस कंप्यूटिंग को लेकर काफी जुनूनी थे। यह ऐसी तकनीक होती है जिसमें इनपुट के लिए यूजर को अलग-अलग मोड न चुनने पड़ें।
इस तरीके पर आधारित था 'कट, कॉपी, पेस्ट' का फंक्शन
टेस्लर का सबसे लोकप्रिय अविष्कार 'कट, कॉपी, पेस्ट' एडिटिंग के पुराने तरीके पर आधारित था, जिसमें लोग प्रिंट किए लेख में से एक हिस्से को काटकर दूसरे हिस्से में चिपका देते थे। इसे सबसे पहले ऐपल के सॉफ्टवेयर में शामिल किया गया था।