फेसबुक यूजर्स की सुरक्षा के साथ समझौता, कंपनी के कर्मचारियों को पता थे यूजर्स के पासवर्ड
अपने यूजर्स की प्राइवेसी को लेकर फेसबुक काफी समय से विवादों में हैं। कंपनी का दावा है कि उसके यूजर्स की प्राइवेसी पूरी तरह सुरक्षित है, लेकिन समय-समय पर हो रहे खुलासों से कंपनी मुश्किलों में घिरी है। फेसबुक पर यूजर्स का डाटा बेचने और चुनावों में दखल देने तक के आरोप लगे हैं। अब खबर आई है कि फेसबुक ने करोड़ों यूजर्स के डाटा को अनएनक्रिप्टेड फॉर्म में रखा था। आइये, इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
रीडेबल फॉर्मेट में रखा था डाटा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, फेसबुक के एक बड़े अधिकारी ने बताया कि कंपनी ने लाखों यूजर्स के पासवर्ड को रीडेबल (पढ़ा जा सकने) फॉर्मेट में रखा था। आमतौर पर पासवर्ड को क्रिप्टोग्राफिक फॉर्म में रखा जाता है, जिससे इंसानों के लिए इसे पढ़ पाना असंभव होता है, लेकिन इस मामले में फेसबुक में खामियों के चलते ऐसा नहीं हो पाया। कंपनी के कर्मचारियों के पास लाखों यूजर्स के पासवर्ड की एक्सेस थी। कंपनी ने इस खामी को स्वीकार किया है।
ये यूजर्स हुए हैं प्रभावित
फेसबुक ने इस मामले को स्वीकार करते हुए एक बयान भी जारी किया है। कंपनी ने प्रभावित यूजर्स की सही संख्या का खुलासा नहीं किया है। बयान में कहा गया है, 'लाखों फेसबुक लाइट यूजर्स, लाखों दूसरे फेसबुक यूजर्स और हजारों इंस्टाग्राम यूजर्स के पासवर्ड प्रभावित हुए हैं।' कंपनी ने जहां प्रभावित यूजर्स की सही संख्या का खुलासा नहीं किया है वहीं रिपोर्ट के मुताबिक, इस खामी से लगभग 2 करोड़ से 6 करोड़ यूजर्स प्रभावित हुए हैं।
फेसबुक ने मामले को लेकर दी सफाई
फेसबुक को इस खामी का जनवरी में पता लगा था, जिसके बाद इसे दूर किया है। कंपनी ने इससे प्रभावित हुए यूजर्स का पता लगाने के लिए जांच के आदेश दिए थे। फेसबुक ने अपने बयान में कहा कि यूजर्स के पासवर्ड कंपनी के बाहर किसी को पता नहीं लगे और इस बात के कोई सबूत नहीं है कि फेसबुक के कर्मचारियों ने इन पासवर्ड का किसी गलत तरीके से इस्तेमाल किया हो।
फेसबुक के लगभग 2,000 कर्मचारियों ने देखे पासवर्ड
फेसबुक के सर्वर पर रीडेबल फॉर्मेट में पासवर्ड सेव होना चिंता की बात है। कंपनी में 20 हजार से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं। इनमें से 2,000 कर्मचारियों ने पासवर्ड स्टोर की गई इन फाइल्स में सर्च किया है। इन अधिकारियों में से अधिकतर इंजीनियर और डेवलपर्स शामिल हैं। इन्होंने 2012 से अब तक लगभग 90 लाख बार इन फाइल्स में डाटा सर्च किया है। अब तक उनकी इस सर्च की पीछे की वजह सामने नहीं आई है।