
डॉक्टरों ने पहली बार जीन एडिटिंग कर बच्चे का किया सफल इलाज
क्या है खबर?
डॉक्टर ने पहली बार व्यक्तिगत जीन में एडिटिंग यानी बदलाव करके एक बच्चे का सफलतापूर्वक इलाज किया है।
बच्चा एक दुर्लभ और जानलेवा बीमारी के साथ पैदा हुआ था, जिसे 'CPS1 की कमी' कहा जाता है।
यह इलाज अमेरिका के पेनसिलवेनिया राज्य में स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ पेनसिलवेनिया और फिलाडेल्फिया चिल्ड्रेन हॉस्पिटल में किया गया।
इलाज के बाद अब बच्चा 9.5 महीने का है और तेजी से ठीक हो रहा है। डॉक्टरों ने इसे एक बड़ी उपलब्धि बताया है।
प्रक्रिया
इलाज का तरीका और प्रक्रिया
बच्चे को CRISPR तकनीक से बनी विशेष थेरेपी दी गई, जो अनुवांशिक दोष को ठीक करने के लिए तैयार की गई थी।
पहले उसका खून साफ करने की प्रक्रिया की गई, फिर नाइट्रोजन को रोकने वाली दवा और प्रोटीन रहित डाइट दी गई।
जब बच्चा 6 महीने का हुआ, तब उसे पहली CRISPR खुराक दी गई। मार्च और अप्रैल में 2 और खुराक दी गईं। तीनों खुराकों से उसे कोई गंभीर साइड इफेक्ट नहीं हुआ और बच्चा तेजी से सुधरा।
बीमारी
क्या थी बीमारी और कैसे हुई पहचान?
बच्चा CPS1 की कमी से पीड़ित था, जो 13 लाख में किसी एक को होती है।
इसमें एक खास जीन काम करना बंद कर देता है, जिससे शरीर में जहरीला अमोनिया बनता है। जन्म के 48 घंटे के अंदर ही बच्चे में लक्षण दिखने लगे थे, जैसे उल्टी, बेहोशी और सांस लेने में परेशानी।
आनुवंशिक जांच में पता चला कि बच्चे को यह बीमारी माता-पिता से दोनों से मिली थी और उसका जीन पूरी तरह काम नहीं कर रहा था।
उम्मीदें?
आगे क्या होगा और डॉक्टरों की उम्मीदें?
इलाज के बाद बच्चा अब खुद बैठने लगा है और ज्यादा प्रोटीन खा पा रहा है।
डॉक्टरों के अनुसार, यह ऐतिहासिक कामयाबी है, लेकिन अब भी बच्चे की जिंदगीभर निगरानी की जाएगी ताकि किसी भी समस्या को समय पर पकड़ा जा सके।
विशेषज्ञों ने कहा कि यह शुरुआत है और भविष्य में ऐसे और मरीजों का इलाज संभव हो सकेगा। डॉक्टरों की टीम चाहती है कि दूसरे बच्चों को भी ऐसा ही फायदा मिले जैसा इस बच्चे को मिला है।