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अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने एस जयशंकर और शहबाज शरीफ से बात की
मार्को रुबियो ने एस जयशंकर और शहबाज़ शरीफ से बात की

अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने एस जयशंकर और शहबाज शरीफ से बात की

लेखन गजेंद्र
संपादन Manoj Panchal
May 01, 2025
09:26 am

क्या है खबर?

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव को अमेरिका कम करना चाहता है। बुधवार को अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने अपने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से फोन पर बात की। उन्होंने दोनों देशों के नेताओं से तनाव को कम करने का आग्रह किया। अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने जानकारी देते हुए बताया कि रुबियो ने बातचीत के दौरान हमले पर चिंता जताई।

बातचीत

भारत के साथ बातचीत में रुबियो ने क्या कहा?

प्रवक्ता के मुताबिक, रुबियो ने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना जताते हुए आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में भारत के साथ मिलकर काम करने की अमेरिका की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। साथ ही उन्होंने दोनों देशों को क्षेत्रीय तनाव कम करने और दक्षिण एशिया में शांति-स्थिरता को बढ़ावा देने के के लिए प्रोत्साहित किया। गुरुवार को जयशंकर ने एक्स पर बताया, 'कल रुबियो से पहलगाम हमले पर चर्चा हुई। इसके अपराधियों, समर्थकों, साजिशकर्ताओं को कटघरे में लाया जाना चाहिए।'

बातचीत

पाकिस्तान से रुबियो ने क्या कहा?

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय की एक प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, शरीफ ने रुबियो को दक्षिण एशिया में हाल के घटनाक्रमों के संबंध में पाकिस्तान के दृष्टिकोण से अवगत कराया। शरीफ ने बातचीत के दौरान भारत पर उकसाने वाले व्यवहार में शामिल होने का आरोप लगाया। उन्होंने पहलगाम हमले से खुद को किनारे करते हुए निष्पक्ष जांच की मांग दोहराई। उन्होंने कहा कि भारत के उकसावे से पाकिस्तान का आतंकवाद को हराने के अपने प्रयासों से ध्यान हट रहा है।

संयुक्त राष्ट्र 

संयुक्त राष्ट्र के कहासचिव ने भी की थी बात

पहलगाम हमले के बाद हाल ही में संयुक्त राष्ट्र (UN) के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और जयशंकर से फोन पर बात की थी। उन्होंने आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की और भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर गहरी चिंता जताते हुए जोर दिया कि किसी भी टकराव की स्थिति से बचना जरूरी है, क्योंकि इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। बता दें, आतंकी हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के संबध और बिगड़े हुए हैं।