डिजिटल इंडिया अधिनियम का मसौदा जल्द होगा उपलब्ध, नियम तोड़ने पर भारी जुर्माने का प्रावधान- चंद्रेशखर
तेजी से डिजिटल हो रही दुनिया और इससे पैदा होने वाले खतरों को देखते हुए देश में लंबे समय से एक डिजिटल कानून की मांग की जा रही है। अब केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि डिजिटल इंडिया अधिनियम (DIA) के लिए मसौदा बिल जून के पहले सप्ताह में जारी किया जाएगा और 7 जून से यह बिल परामर्श के लिए उपलब्ध होगा। मनीकंट्रोल से बात करते हुए उन्होंने यह जानकारी दी।
पुराने कानून की जगह ले सकता है नया कानून
भारत में तेजी से बढ़ती इंटरनेट अर्थव्यवस्था और यूजर्स की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सूचना प्रोद्यौगिकी अधिनियम, 2000 को डिजिटल इंडिया अधिनियम से बदला जा सकता है। चंद्रशेखर ने 23 मई को मुंबई में डिजिटल इंडिया डायलॉग सत्र में भाग लिया था। इस कार्यक्रम में कानूनी विशेषज्ञ, थिंक टैंक और मेटा जैसी बड़ी टेक कंपनियों सहित टेक जगत से जुड़े दिग्गज भी उपस्थित थे। इससे पहले बेंगलुरू में इसी तरह के एक सत्र का आयोजन किया गया था।
टेक कंपनियों के एकाधिकार से बाजार को बचाने के लिए उठाए जा सकते हैं कदम
जून में मसौदा बिल जारी होने से पहले दिल्ली में जल्द ही एक और डायलॉग सत्र आयोजित होने की उम्मीद है। बता दें कि सरकार का लक्ष्य 2025-26 तक भारत में डिजिटल अर्थव्यवस्था को लगभग 80 लाख करोड़ रुपये तक ले जाना है। सरकार यूजर्स की सुरक्षा के साथ ही बड़ी टेक कंपनियों के एकाधिकार को बचाने के लिए बढ़ती डिजिटल अर्थव्यवस्था को रेगुलेट करने के लिए विश्व स्तर पर चर्चा और कार्रवाइयों पर भी विचार कर रही है।
नियमों के उल्लंघन पर भारी जुर्माने का प्रावधान- चंद्रशेखर
चंद्रशेखर ने यूरोपीय संघ द्वारा हाल ही में यूजर्स का डाटा अमेरिका ट्रांसफर करने के बदले मेटा पर लगाए गए रिकॉर्ड जुर्माने का भी उल्लेख किया। यह मामला ग्लोबल डाटा प्रोटेक्शन रेगुलेशंस (GDPR) का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन बिल, 2022 (DPDP) में भी इसी तरह के उपाय हैं। इसके साथ ही इसमें दंडात्मक उपाय भी हैं। मंत्री के मुताबिक, DPDP बिल जुलाई में ससंद में पेश किया जाएगा।
इंटरनेट के लिए देश में इस्तेमाल होता है 23 साल पुराना कानून
भारत में 83 करोड़ से अधिक इंटरनेट यूजर्स हैं और अभी देश में इंटरनेट के लिए 23 वर्ष पुराना सूचना प्रौद्योगिकी कानून है, जिसमें यूजर्स के अधिकारों, विश्वास और सुरक्षा के प्रावधानों की कमी है। यह कानून नए तरह के साइबर अपराधों से निपटने में सक्षम नहीं है। मंत्री ने कहा कि डिजिटल इंडिया कानून सुनिश्चित करेगा कि भारत में यूजर्स के लिए इंटरनेट आपराधिक गतिविधियों से मुक्त रहे। नए कानून से उत्तरदायित्व का संस्थागत सिस्टम भी लागू किया जाएगा।