
अब चलते-चलते करें अपना फोन चार्ज, दिल्ली के छात्रों ने बनाया कमाल का डिवाइस
क्या है खबर?
आजकल हम फोन पर इतने निर्भर हो गए हैं कि थोड़ी देर भी फोन के बिना रहना मुश्किल है।
सोचिये, आप कहीं बाहर जा रहे हैं और आपके फोन की बैटरी खत्म हो जाए। ऐसी स्थिति में आपको तुरंत कोई चार्जिंग प्वॉइंट ढूंढना पड़ेगा।
इस समस्या से बचने के लिए दिल्ली के रहने वाले दो छात्रों ने एक डिवाइस बनाया है। इसकी मदद से आप चलते-चलते अपने फोन को चार्ज कर पाएंगे।
आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
प्रोजेक्ट
साइंस एग्जीबिशन के लिए बनाया था प्रोजेक्ट
लगभग चार साल पहले दिल्ली के रहने वाले मोहक भल्ला और आनंद गंगाधरन ने साइंस एग्जीबिशन के लिए फिजिक्स की थ्योरी को वर्किंग प्रोजेक्ट में बदला था।
दोनों ने 'वॉकी मोबी चार्जर (Walkie Mobi Charger)' का प्रोटोटाइप तैयार किया था। इस डिवाइस से चलते समय पैरों से पैदा होने वाली काइनेटिक एनर्जी की मदद से फोन चार्ज किया जाता है।
इसकी मदद से यूजर जितना ज्यादा चलेंगे, उनका फोन उतना ही चार्ज होगा।
डिवाइस
चार साल पहले के डिवाइस की अब बात क्यों हो रही है?
फिलहाल मोहक और आनंद दोनों इंजीनियरिंग कर रहे हैं। मोहक दिल्ली के भारती विद्यापीठ से बीटेक और आनंद चेन्नई के वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इंजीनियरिंग कर रहे हैं।
अब आपके मन में सवाल आ रहा होगा कि चार साल पहले के डिवाइस की अब बात क्यों हो रही है?
दरअसल, आनंद और मोहक दोनों इस डिवाइस को अपग्रेड कर बाजार में लाने की तैयारी कर रहे हैं। अगले कुछ सालों में यह डिवाइस बाजार में उपलब्ध होगा।
उम्मीद
जल्द बाजार में आएगा डिवाइस
दोनों छात्रों ने बताया कि इस डिवाइस के पीछे के आइडिया फिटनेस और टेक्नोलॉजी को साथ लाना था।
मोहक ने बताया, "हम ऐसा डिवाइस बनाना चाहते थे जिसे भविष्य में बाजार में उतारा जा सके, एक ऐसा प्रोजेक्ट होना चाहिए जिसका इस्तेमाल हो सके। इसलिए हमने ऐसा डिवाइस बनाया जो लोगों को फिट भी रखेगा और उन्हें बैठे-बैठे रहने से बचाएगा भी।"
दोनों अब इसके वायरलेस वर्जन पर काम कर रहे हैं।
जानकारी
यह डिवाइस कैसे काम करेगा?
यह डिवाइस इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन के कॉन्सेप्ट पर काम करता है। इसमें दिए गए चार्जर के साथ डायनमो और बफर मैकेनिज्म लगाया गया है, जो चलते समय यूजर के पैर से पड़ने वाले दवाब से पैदा हुई एनर्जी से फोन को चार्ज करेगा।
लागत
यह आएगी डिवाइस की लागत
दोनों दोस्तों ने अपना पहला डिवाइस पुरानी चीजों की मदद से बनाया था। उस वक्त इस डिवाइस पर लगभग 2,000 रुपये की लागत आई थी।
दोनों ने बताया कि अगर बड़ी संख्या में यह डिवाइस बनाया जाता है तो इस पर 500 रुपये की लागत आएगी।
इन्होंने उम्मीद जताई कि नया वेरिएंट फास्टर चार्जिंग को सपोर्ट करेगा। दोनों जल्द ही इसे दूसरे गैजेट के लिए मुफीद बनाने पर काम कर रहे हैं।