4G रोलआउट के लिए लंबा होगा इंतजार, 2023 तक का वक्त ले सकती है BSNL

भारतीय टेलिकॉम मार्केट में जहां दूसरी कंपनियां 5G नेटवर्क के ट्रायल कर रही हैं, भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) अभी 4G रोलआउट का इंतजार कर रही है। सामने आया है कि BSNL यूजर्स के लिए इंतजार और लंबा हो सकता है और 4G नेटवर्क रोलआउट साल 2023 तक टल सकता है। इन सेवाओं के सितंबर, 2022 तक रोलआउट होने से जुड़े कयास लगाए गए थे और कंपनी 31 अक्टूबर, 2021 तक ट्रायल पूरे करने वाली थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
पिछले महीने BSNL ने टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) से 4G टेंडर के नियमों से जुड़े उपकरण देने और 31 दिसंबर तक टेस्टिंग पूरी करने को कहा। कंपनी ने चिंता जताई कि TCS एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (EoI) नियमों का पालन नहीं कर रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, TCS की ओर से 4G कनेक्टिविटी के लिए 20W रेडियोज लगाए गए जबकि BSNL की ओर से इसके लिए 40W रेडियोज लगाने की मांग की गई थी।
रिपोर्ट्स में कहा गया था कि TCS को चुनिंदा साइट्स पर 20 दिसंबर तक 40W रेडियोज लगाने थे, जिसके बाद BSNL को 20 दिसंबर से ट्रायल शुरू करने थे। कंपनी ये ट्रायल्स 15 जनवरी, 2022 तक खत्म करने वाली थी। समाचार एजेंसी PTI के मुताबिक, दूसरी कंपनियां जहां विदेशी 4G उपकरण इस्तेमाल कर रही हैं, वहीं BSNL भारत में बने उपकरण इस्तेमाल करने वाली पहली टेलिकॉम कंपनी बनने जा रही है।
BSNL की ओर से भारत में 4G नेटवर्क से जुड़े उपकरण बनाने और लगाने के लिए पांच भारतीय कंपनियों को पत्र लिखे गए थे। TCS, सेंटर फॉर डिवेलपमेंट ऑफ टेलिमैटिक्स (C-DOT) और तेजस नेटवर्क्स के अलावा दूसरी कंपनियों ने इस प्रोजेक्ट से हाथ पीछे खींच लिए हैं। टेक महिंद्रा और HFCL ने इस प्रोजेक्ट में हिस्सा लेने और उपकरण लगाने से इनकार कर दिया है और पूरा ढांचा तैयार होने में ज्यादा वक्त लग रहा है।
संचार राज्य मंत्री देवसिंह चौहान ने संसद में बताया था कि BSNL की ओर से 4G नेटवर्क रोलआउट सितंबर, 2022 में शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा था कि BSNL और MTNL में निवेश ना करने से जुड़ा कोई प्रस्ताव नहीं है। इस साल अक्टूबर में दूरसंचार विभाग की ओर से BSNL को 4G टेक्नोलॉजी का टेस्ट करने के लिए कहा गया था। कंपनी को मौजूदा ढांचे के साथ टेस्टिंग के लिए कहा गया है।
वर्क फ्रॉम होम और ऑनलाइन स्टडी जैसी जरूरतों के चलते मोबाइल डाटा का इस्तेमाल बीते दिनों तेजी से बढ़ा है। 2021 में एवरेज ट्रैफिक प्रति स्मार्टफोन 18.4GB प्रति माह पर पहुंच गया है, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 16.1GB प्रति माह था। भारत में मोबाइल डाटा ट्रैफिक साल 2021 में ग्लोबल मार्केट में दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा रहा, जिसके साल 2027 तक बढ़कर 50GB प्रति माह तक पहुंचने की उम्मीद की जा रही है।