ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों ने IVF से तैयार किया पहला कंगारू भ्रूण
क्या है खबर?
ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों ने पहली बार इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) तकनीक का उपयोग करके कंगारू का भ्रूण तैयार किया है।
पहले यह तकनीक इंसानों और कुछ पालतू जानवरों के लिए इस्तेमाल होती थी, लेकिन अब इसे कंगारू पर भी आजमाया गया है।
इस प्रयोग में वैज्ञानिकों ने मृत पूर्वी ग्रे कंगारू के अंडे और शुक्राणु को लैब में मिलाकर भ्रूण बनाया।
हालांकि, इस तकनीक को और विकसित करने की जरूरत है, ताकि भविष्य में इससे जीवित कंगारू पैदा हो सके।
फायदा
क्या होगा इस परीक्षण से फायदा?
इस तकनीक का इस्तेमाल उन जानवरों की आबादी बढ़ाने में किया जा सकता है, जो विलुप्त होने के कगार पर हैं।
कोआला, वॉम्बैट और लीडबीटर पोसम जैसी प्रजातियों की संख्या तेजी से घट रही है। वैज्ञानिक अब इस तकनीक को और उन्नत कर रहे हैं, ताकि इन दुर्लभ जानवरों को बचाया जा सके।
ऑस्ट्रेलिया में दुनिया के सबसे अनोखे मार्सुपियल जानवर पाए जाते हैं, लेकिन यहां पर स्तनधारियों के विलुप्त होने की दर भी सबसे ज्यादा है।
उपयोग
IVF तकनीक का दुनिया में बढ़ता उपयोग
IVF का उपयोग पहले भी कई लुप्तप्राय प्रजातियों के संरक्षण के लिए किया जा चुका है।
2023 में वैज्ञानिकों ने पहली बार गैंडे का भ्रूण लैब में तैयार करके केन्या में एक सरोगेट मां में सफलतापूर्वक विकसित किया। 2018 में इसी तकनीक का उपयोग करके दुनिया का पहला गधे का भ्रूण भी बनाया गया था।
अब वैज्ञानिक इस तकनीक को और बेहतर बनाने पर काम कर रहे हैं, जिससे भविष्य में दुर्लभ प्रजातियों को विलुप्त होने से बचाया जा सकेगा।